भाजपा से कथित तौर पर
जुड़े रहे महाठग संजय राय शेरपुरिया के ख़िलाफ़ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी
जाँच शुरू कर दी है। शेरपुरिया को दरअसल
यूपी एसटीएफ़ ने ही पकड़ा था। शेरपुरिया खुद को
पीएमओ से जुड़ा बताता था। यहाँ तक कि उसने जम्मू कश्मीर के एलजी को 25 लाख का कथित तौर पर लोन भी दे रखा है। लेकिन यूपी एसटीएफ ने एक जांच के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया।
ईडी ने मंगलवार देर रात संजय राय के चार ठिकानों दिल्ली, बनारस, लखनऊ और गाजीपुर में
छापे मारे हैं। ईडी की टीम घंटो शेरपुरिया के ठिकानों पर छानबीन करती
रही। इस छापेमारी में शेरपुरिया की कंपनियों तथा उसके एनजीओ यूथ
रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
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शेरपुरिया को अगले छह दिन तक यूपी एसटीएफ के रिमांड में दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह आज सुबह दस बजे से लेकर 9 मई तक यूपी एसटीएफ की कस्टडी में रहेगा।
कांग्रेस ने संजय राय
शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बहाने सरकार पर सवाल उठाए हैं। इस संबंध में कांग्रेस ने कहा
कि सत्तापक्ष से नजदीकी दिखाकर इस व्यक्ति ने लोगों से ठगी की है, सरकार में बैठे लोगों को इस पर जवाब देना
चाहिए।
कुछ दिनों
पहले शेरपुरिया को बीजेपी नेताओं की तस्वीरों से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने और उसमें अपनी
तस्वीर लगाने तथा उनको सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लोगों से ठगी के लिए
इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि तस्वीरें जिस ढंग से वायरल थीं, उसमें लगता था कि टॉप भाजपा और संघ नेताओं से उसके संबंध हैं। किसी भी भाजपा या संघ के नेता ने तस्वीरें वायरल होने के बाद उनका खंडन नहीं किया औऱ न ही शेरपुरिया को कोई नोटिस भेजा।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘शेरपुरिया बीजेपी के सिस्टम में कितना घुसा हुआ था उसकी जानकारियां सामने आई
हैं। शेरपुरिया पर आरोप है कि उसने भारतीय स्टेट बैंक से 350 करोड़ रुपये का गबन किया है। पवन खेड़ा ने दावा किया है कि
शेरपुरिया ने रेस कोर्स रोड पर घर ले रखा था और वो किथत तौर पर पीएमओ से जुड़ा था।
खेड़ा ने कहा कि यह
व्यक्ति पीएम मोदी के नाम का दुरुपयोग करके लोगों को लूट रहा था और
पीएम को इसकी भनक तक नहीं थी। इसकी पहुंच
का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज
सिन्हा तक को इस ठग से 25 लाख रुपये का
कर्ज दिया हुआ था। पवन खेड़ा ने कहा, हमें नहीं पता कि इसका जवाब कौन देगा। देश के पीएम, यूपी के सीएम या फिर सरकार का कोई भी व्यक्ति जवाब देना
चाहे, वह इसका जवाब दे सकता
है।
लखनऊ के विभूति खंड पुलिस स्टेशन में राय के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने संजय राय शेरपुरिया पर
भारतीय आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी),
467 (मूल्यवान सुरक्षा,
वसीयत आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 469
(प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से
जालसाजी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है।
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आरोप है कि राय
द्वारा संचालित कंपनी यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन (वाईआरईएफ) के सलाहकार
बोर्ड में कई सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और
सशस्त्र बलों के अधिकारी शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के
मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार सामने आ रही है, जो उसने वाईआरईएफ को 30 अक्टूबर, 2019 को रजिस्ट्रेशन कराते समय दी थी। इसका एक कार्यालय वाराणसी
में है, जबकि इसका संचालन गाजीपुर
से होता है, जो संजय राय शेरपुरिया का
गृहनगर भी है।
गाजीपुर जिला भाजपा अध्यक्ष
भानुप्रताप सिंह ने कहा कि पार्टी का शेरपुरिया से कोई लेनादेना नहीं है। संजय
प्रकाश राय भाजपा के न तो सदस्य हैं और न ही पदाधिकारी। वह गाजीपुर आते थे और हमसे
मिलते थे, लेकिन उनका पार्टी से कोई
लेना-देना नहीं है। वाराणसी में एक प्रमुख भाजपा नेता, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की थी, ने कहा: "शेरपुरिया को पार्टी के वरिष्ठ
नेताओं से निकटता के लिए जाना जाता था और जब भी वे यहां आते थे, स्थानीय पार्टी नेता नियमित रूप से उनसे मिलते
थे।"
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