दिल्ली में आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद मुस्लिम मतदाता बहुल सीटों पर बेहतर प्रदर्शन में कामयाब रही। चुनाव के दौरान जिस तरह से मुस्लिमों के आप से दूर जाने, नाराजगी को लेकर प्रचार और अफवाह थी, उन सारी बातों का खंडन हो गया है। 7 मुस्लिम बहुल सीटों में 6 पर आप ने जीत दर्ज की है। इसमें आप के बड़े नेता गोपाल राय और विवादित नेता अमानतुल्लाह खान की जीत भी शामिल है। सबसे बड़ी बात ये है कि असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी जिन उम्मीदों के साथ लड़ने आई थी, उसे नाउम्मीदी हासिल हुई है। एक सीट पर तो ओवैसी की पार्टी की वजह से ही बीजेपी जीती है।
कांग्रेस को मुस्लिमों के वोट न मिलना बताता है कि मुस्लिम दिल्ली में उसे बीजेपी के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी के रूप में अभी भी नहीं मानते। हालांकि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पक्ष में गये थे लेकिन विधानसभा में उन्होंने उसे नहीं दोहराया। यानी कांग्रेस अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव गंभीरता से लड़ती हुई दिखाई देती तो उसे मुस्लिम वोट मिल सकते थे। दिल्ली में करीब 30 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। करीब 10 सीटों पर उनके वोट नतीजे को प्रभावित करते हैं। इनमें 7 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता बाकियों के मुकाबले ज्यादा हैं। आइये जानते हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों में क्या स्थिति रहीः