शनिवार को पांच घंटे तक चली कांग्रेस की मैराथन बैठक के बाद भले ही अध्यक्ष पद को लेकर चला आ रहा गतिरोध ख़त्म होने का दावा किया गया हो। लेकिन सच्चाई यह है कि पार्टी में बुज़ुर्ग बनाम नौजवानों के बीच चली आ रही जंग ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही। बैठक में भले ही अगस्त में सोनिया गांधी को नेतृत्व के सवाल पर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने अपने तेवर ढीले कर राहुल गांधी के दोबारा अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ़ कर दिया हो लेकिन उनकी नाराज़गी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है। इसे लेकर पार्टी नेताओं के बीच भी कई तरह की चर्चा है।