शनिवार को पांच घंटे तक चली कांग्रेस की मैराथन बैठक के बाद भले ही अध्यक्ष पद को लेकर चला आ रहा गतिरोध ख़त्म होने का दावा किया गया हो। लेकिन सच्चाई यह है कि पार्टी में बुज़ुर्ग बनाम नौजवानों के बीच चली आ रही जंग ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही। बैठक में भले ही अगस्त में सोनिया गांधी को नेतृत्व के सवाल पर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने अपने तेवर ढीले कर राहुल गांधी के दोबारा अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ़ कर दिया हो लेकिन उनकी नाराज़गी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है। इसे लेकर पार्टी नेताओं के बीच भी कई तरह की चर्चा है।
कांग्रेस में नहीं थम रही बुज़ुर्ग बनाम नौजवानों की जंग
- राजनीति
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- 21 Dec, 2020

बैठक में भले ही अगस्त में सोनिया गांधी को नेतृत्व के सवाल पर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने अपने तेवर ढीले कर राहुल गांधी के दोबारा अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ़ कर दिया हो लेकिन उनकी नाराज़गी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है।
बैठक के बाद पार्टी की तरफ़ से बताया गया कि राहुल गांधी पार्टी में कोई भी ज़िम्मेदारी निभाने को तैयार हैं। इससे उनके दोबारा अध्यक्ष पद संभालने का रास्ता साफ़ हो गया है। यह भी बताया गया कि जब बैठक में राहुल ने यह बात कही तो सभी नेताओं ने मेज़ थपथाकर बेहद गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।