नेतृत्व से लेकर तमाम तरह के संकटों में घिरी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक कल शाम 4 बजे बुलाई गई है। इस बीच कांग्रेस से असंतुष्ट जी-23 के नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ घेरेबंदी तेज कर दी है।
आमतौर पर किसी राज्य में चुनाव नतीजे आने के फौरन बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होती है, जिसमें पार्टी अपनी समीक्षा करती है। लेकिन अभी तक सीडब्ल्यूसी की किसी भी बैठक में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर सवाल नहीं उठा है। कांग्रेस के असंतुष्ट जी 23 के जो नेता बाहर मीडिया में बोलते हैं, वे सीडब्ल्यूसी की बैठक में नहीं बोल पाते हैं, जबकि कई इसके सदस्य भी है।
समझा जाता है कि कल होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक भी बिना किसी ठोस निर्णय के खत्म हो जाएगी और कोई भी सदस्य गांधी परिवार के खिलाफ बोल नहीं पाएगा। ज्यादातर नेता राहुल गांधी की जगह नया नेतृत्व चाहते हैं लेकिन नया नेतृत्व किसे मिले, इस पर किसी के पास कोई जवाब नहीं है। राहुल की जगह प्रियंका गांधी को सामने लाने की बातें भी जोरशोर से प्रचारित की गईं लेकिन अब जिस तरह यूपी का नतीजा आया है, उसने प्रियंका की सारी दावेदारी को खत्म कर दिया है। पार्टी में उनके समर्थक भी अब नहीं बोल सकते। इस तरह कांग्रेस पार्टी इस समय भयानक ऊहापोह के दौर से गुजर रही है।
असंतुष्ट नेताओं की गतिविधियां
सूत्रों के मुताबिक कुछ नेताओं ने इस बात को साफ किया कि उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि क्या पार्टी नेताओं को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में शामिल होना चाहिए। बैठक में मौजूद नेता इस बात पर सहमत हुए कि पार्टी के सामने अस्तित्व का संकट आ गया है और अगर बड़े कदम नहीं उठाए जाते हैं तो यह और ज्यादा सिकुड़ जाएगी।
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