पेगासस स्पाईवेयर सॉफ़्टवेयर से विपक्षी दलों के नेताओं, देश के अलग-अलग मीडिया संस्थानों के पत्रकारों की जासूसी के मामले में कांग्रेस सड़क पर उतर आई है। देश के कई राज्यों में कांग्रेस इकाइयों ने राजभवन की ओर कूच किया है। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई है और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है।
कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है और इस वजह से कई बार संसद की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार पत्रकारों, नेताओं की जासूसी करवा रही है जबकि सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन लोगों में शामिल हैं, जिनके मोबाइल फ़ोन निशाने पर थे।
कई जगह हुई गिरफ़्तारी
जासूसी मामले में प्रदर्शन करने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा को पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया। उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ममता चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसके अलावा पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व एमएलसी दीपक सिंह को को भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस का कहना है कि योगी सरकार ने साबित कर दिया है कि वह विपक्ष की आवाज़ से डरी हुई है।
उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राजभवन की ओर मार्च किया। राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जासूसी मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर राजभवन घेराव एवं विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने “पेगासस जासूसी कांड” के जरिये देश के लोकतंत्र पर सीधा आक्रमण किया है।
इसी तरह झारखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री डॉच रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और छत्तीसगढ़ में राजभवन तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला।
मंगलवार को युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथ में पोस्टर भी लिए हुए थे, जिनमें लिखा था चौकीदार ही जासूस है। श्रीनिवास बीवी ने कहा था कि ये जासूसी कांड सरकार के कफ़न में आखिरी कील साबित होगा।
युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए। प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ता जुटे थे।
टीएमसी ने भी इस मुद्दे पर मंगलवार को संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था। महुआ मोइत्रा सहित कई सांसद इस मुद्दे पर हाथ में प्लेकॉर्ड लेकर आए। इनमें लिखा था कि लोगों की निगरानी करने के काम को बंद किया जाए और जासूसी का गुजरात मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर आ चुका है।
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