कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए जाएँगे। ये बदलाव करने का फ़ैसला पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा इसकी मांग किए जाने के बाद किया गया है। इन नेताओं ने पारदर्शी ढंग से चुनाव कराने के लिए ख़त लिखा था।
बदले हुए नियम के अनुसार जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करना चाहता है, वह निर्वाचक मंडल बनाने वाले सभी 9,000 प्रतिनिधियों की सूची देख सकेगा। कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने बयान जारी कर कहा है कि यह सूची 20 सितंबर से पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के कार्यालय में उपलब्ध होगी।
फ़ैसले का स्वागत करते हुए शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'मुझे खुशी है कि यह स्पष्टीकरण हमारे पत्र के उनके रचनात्मक उत्तर के रूप में आया है। इन आश्वासनों के मद्देनजर मैं संतुष्ट हूं। कई लोगों को उस चुनाव प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने में खुशी होगी जो मेरे विचार में पार्टी को मजबूत ही करेगी।'
I am pleased that this clarification has come in the form of his constructive reply to our letter (attached). In view of these assurances, I am satisfied. Many will be glad to move on with an election process that in my view will only strengthen the party. pic.twitter.com/y5Q1WgFGwl
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 10, 2022
एक दिन पहले ही यह ख़बर आई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी के 5 सांसदों ने चुनाव कराने वाले प्राधिकरण को पत्र लिखा था। इस पत्र में अध्यक्ष का चुनाव पारदर्शी ढंग से होगा या नहीं, इसको लेकर चिंता जताई गई। यह पत्र कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को 6 सितंबर को लिखा गया। पत्र लिखने वालों में शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई, मनीष तिवारी और अब्दुल खालिक शामिल हैं।
शशि थरूर और मनीष तिवारी कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट जी-23 में शामिल हैं। जी-23 ने सोनिया गांधी को ख़त लिखकर पार्टी में कई बदलाव लाने की मांग की थी।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार सांसदों के पत्र में कहा गया था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके द्वारा मतदाता सूची को सार्वजनिक किए जाने की मांग की ग़लत ढंग से व्याख्या की जा रही है।
सांसदों ने कहा है कि वे पार्टी के किसी आंतरिक दस्तावेज को देने की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी यह मांग है कि कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण को प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में जो डेलीगेट्स बनाए गए हैं और जो अध्यक्ष के चुनाव में मतदाता भी हैं, उस सूची को उपलब्ध कराना चाहिए।
सांसदों ने कहा है कि इससे इस बात का पता चल सकेगा कि अध्यक्ष के चुनाव में कौन-कौन वोट डाल सकता है और कौन नामांकन कर सकता है।
सांसदों ने कहा है कि अगर कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण को मतदाता सूची को सार्वजनिक करने को लेकर कोई चिंता है तो उसे इसे ऐसी जगह डाल देना चाहिए जहां पर कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार और चुनाव में बनाए गए सभी मतदाता इसे देख सकें।
सांसदों ने कहा है कि चुनाव में उम्मीदवार और मतदाताओं के लिए यह आसान नहीं है कि वे सभी 28 प्रदेश कांग्रेस कमेटियों और नौ केंद्र शासित प्रदेशों में जाकर मतदाता सूची को वैरिफाई करें। सांसदों ने यह भी कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, अध्यक्ष का चुनाव पारदर्शी ढंग से होने को लेकर उनकी चिंता बनी रहेगी।
इस बारे में मधुसूदन मिस्त्री ने पहले कहा था कि मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं की जाती है लेकिन कांग्रेस पार्टी का कोई सदस्य इसकी जाँच करना चाहता है तो वह पीसीसी कार्यालय में जाकर जाँच कर सकता है और किसी भी उम्मीदवार के द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद उसे इस मतदाता सूची को दिया जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा और 24 से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। मिस्त्री ने कहा है कि जो लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे अपने राज्य के 10 प्रतिनिधियों के नाम राज्य कांग्रेस कार्यालय में देख सकते हैं।
उन्होंने सांसदों को लिखे एक पत्र में कहा है कि एक बार नामांकन पर हस्ताक्षर कर मुख्य रिटर्निंग अधिकारी को सौंप दिए जाने के बाद उन्हें प्रतिनिधियों की पूरी सूची मिल जाएगी।
शशि थरूर द्वारा ट्वीट किए गए ख़त में मिस्त्री ने कहा, 'यदि कोई विभिन्न राज्यों के दस समर्थकों से नामांकन प्राप्त करना चाहता है, तो उसे सभी 9000+ प्रतिनिधियों की सूची एआईसीसी दिल्ली में मेरे कार्यालय में 20 सितंबर से 24 सितंबर को अपना नामांकन दाखिल करने से पहले तक उपलब्ध होगी।'
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