कांग्रेस अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी नेताओं के तमाम सवालों के बीच शुक्रवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। बैठक के बाद पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जून 2021 में होगा।
पार्टी नेताओं के बीच हुई बहस
एनडीटीवी के मुताबिक़, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी के दो गुटों के बीच बहस भी हुई। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस बात को यहीं ख़त्म कर हमें आगे बढ़ना चाहिए। सीडब्ल्यूसी की बैठक में वरिष्ठ नेताओं ग़ुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और पी. चिदंबरम ने जल्द से जल्द संगठन के चुनाव कराने की मांग की। इससे पहले भी ये नेता कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव और आंतरिक चुनाव कराने की मांग को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
इसके बाद अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, एके एंटनी, तारिक़ अनवर और ओमन चांडी ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव के बाद इस दिशा में आगे बढ़ा जाना चाहिए। एनडीटीवी के मुताबिक़, ‘एक नेता ने कहा, हम किसके एजेंडे पर काम कर रहे हैं। बीजेपी में हमारी पार्टी की तरह आंतरिक चुनाव की बात नहीं होती है। हमारी पहली प्राथमिकता राज्यों का और उसके बाद संगठन का चुनाव है।’
इस पर नेताओं के दूसरे गुट ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष और सीडब्ल्यूसी के चुनाव की तारीख़ जल्द घोषित की जाएगी और सोनिया गांधी इस बारे में फ़ैसला लेंगी। इससे पहले सीडब्ल्यूसी के चुनाव 1997 में हुए थे।
मोदी सरकार पर हमलावर हुईं सोनिया
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्रकार अर्णब गोस्वामी के लीक हुए कथित चैट्स को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। अर्णब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच की चैट को लेकर देश भर में सनसनी का माहौल है। इन चैट्स में बाक़ी चीजों के साथ ही बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में कथित रूप से जानकारी होने का भी जिक्र है।
सोनिया ने कहा, ‘हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बहुत ही चिंताजनक ख़बरें सामने आईं और इसके साथ समझौता किया गया। कुछ दिन पहले ही पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा था कि सैन्य ऑपरेशन के सीक्रेट्स को लीक करना राजद्रोह है। लेकिन सरकार इस पर चुप बैठी हुई है और जो कुछ सामने आया है वह बहुत बड़ी बात है।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का सर्टिफ़िकेट देते हैं, वे पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं।
कृषि क़ानूनों को किया ख़ारिज
किसानों के आंदोलन को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जो प्रदर्शन हो रहे हैं, इससे साफ है कि इन क़ानूनों को जल्दबाज़ी में तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सिर्फ़ पहेलियां बुझा रही है। सोनिया ने कहा कि कृषि क़ानूनों को लेकर कांग्रेस का स्टैंड बहुत साफ है कि हम इन्हें पूरी तरह ख़ारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियाद को ही ख़त्म कर देंगे।
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