गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
हार
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हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट
जीत
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उतरने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। बताना होगा कि उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में कांग्रेस ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करने की बात कही थी। कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसके प्रति समर्थन व्यक्त किया था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन करने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से अपना इस्तीफा भेज दिया।
अब सवाल यह है कि कांग्रेस इस अहम पद पर किस नेता को बैठाएगी। सोनिया गांधी इस बारे में जल्द फैसला कर सकती हैं।
बताना होगा कि दिग्विजय सिंह बीते कई महीनों से कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए थे और केरल में थे। लेकिन अचानक यह खबर आई कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय सिंह ने 29 सितंबर को नामांकन फार्म खरीदा था और कहा था कि वह 30 सितंबर को नामांकन करेंगे। लेकिन 30 सितंबर की सुबह उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वह उनके सामने चुनाव नहीं लड़ेंगे। दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक थे।
दिग्विजय सिंह के अलावा इस पद की दौड़ में वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक का नाम भी शामिल है।
इस पद के लिए बिहार से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन, गुजरात कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल का नाम भी उम्मीदवारों की सूची में लिया जा रहा है।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से आते हैं, इसलिए भी इस बात की संभावना ज्यादा है कि कांग्रेस इस पद पर हिंदी भाषी राज्यों के किसी राज्यसभा सांसद को नियुक्त करेगी। देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस मामले में कब फैसला लेता है और किस नेता को नियुक्त करता है।
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