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विपक्ष की पटना बैठक में राहुल, खड़गे नहीं जाएँगे?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की प्रस्तावित बैठक में हिस्सा लेगी। लेकिन सवाल है कि आख़िर पार्टी की ओर से कौन नेता इसमें शामिल होंगे- मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी या फिर कोई और? 

जयराम रमेश ने एएनआई को बताया, 'हम निश्चित रूप से 12 जून की बैठक में भाग लेंगे। कौन भाग लेगा, इस पर चर्चा होनी बाकी है।' उन्होंने कहा है कि 'हमने 12 जून को होने वाली पटना बैठक की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की थी, लेकिन आयोजक शायद इसे आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं। राहुल गांधी बाहर हैं और पार्टी अध्यक्ष के भी कई कार्यक्रम हैं। यदि वे नहीं जा पाएँगे तो कोई और जाएगा। यह निश्चित है। यह विपक्ष की सिर्फ़ एक बैठक नहीं है। वरिष्ठ नेता भी अगली बैठक में भाग लेंगे।'

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माना जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 जून को विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। नीतीश 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए बैठकें कर रहे हैं। जदयू के एक नेता ने कहा कि समान विचारधारा वाले दल 12 जून को अपनी भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होगी, जिससे पूरे देश को संदेश जाएगा, देश में बदलाव की शुरुआत बिहार से ही होगी। 

बता दें कि विपक्षी एकता के मिशन पर निकले बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से कम से कम दो बार मुलाकात कर चुके हैं। समझा जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात में नीतीश विभिन्न विपक्षी नेताओं के साथ हुई बातचीत का विवरण साझा किया है। 
पटना में विपक्षी दलों की बैठक करने का सुझाव तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने भी दिया था जब नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव उनसे मिलने कोलकाता पहुँचे थे।

ममता ने तब कहा था, 'मैंने नीतीश जी से अनुरोध किया है कि विपक्षी एकता की बैठक बिहार से हो। क्योंकि वहीं से जयप्रकाश नारायण जी ने अपना आंदोलन शुरू किया था। बिहार में बैठक के बाद हम लोग तय करेंगे कि हमें आगे कैसे बढ़ना है। लेकिन उससे पहले हमें यह संदेश देना चाहिए कि हम एकजुट हैं। मैंने पहले भी इसके बारे में कहा है कि मुझे विपक्षी एकता को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। मैं चाहती हूं कि बीजेपी जीरो हो जाए, जो मीडिया के समर्थन से हीरो बन गए हैं।'

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नीतीश और तेजस्वी ने आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल से भी मुलाकात की थी। पिछले एक महीने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को घेरने के लिए गैर-बीजेपी मोर्चा बनाने के अपने प्रयास के तहत कई प्रमुख विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है।

नीतीश कुमार ने उन दलों को भी साथ जोड़ने की पहल की है जो कांग्रेस के साथ विपक्षी एकता में आने में असहज महसूस करते हैं। इसमें टीएमसी, आप और समाजवादी पार्टी प्रमुख हैं। इसके अलावा नीतीश एनडीए के क़रीब रहे नवीन पटनायक के बीजेडी जैसे दलों को भी साथ लाने में भूमिका निभा सकते हैं। पहले जहाँ कांग्रेस के प्रयास से 14-15 दल साथ आते दिख रहे थे वहीं नीतीश के प्रयास से यह संख्या 20 के आसपास भी पहुँच सकती है। इतने दलों का एक साथ आना बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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