कांग्रेस के लिए बिहार का विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उपचुनाव एक बड़ा मौक़ा था, जहां वह बेहतर प्रदर्शन कर अपने आलोचकों का मुंह बंद कर सकती थी। क्योंकि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की चिट्ठी के बाद मचा बवाल हो या आंतरिक चुनाव कराने की मांग को लेकर पार्टी नेताओं की बयानबाज़ी, यह कहा जाने लगा था कि चुनाव जीतना तो दूर, कांग्रेस अपने संगठन को ही दुरुस्त नहीं रख पा रही है।
राज्यों में पस्त होती कांग्रेस, गठबंधन करने से हिचकेंगे छोटे दल?
- राजनीति
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- 14 Nov, 2020
कांग्रेस के लिए बिहार का विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उपचुनाव एक बड़ा मौक़ा था, जहां वह बेहतर प्रदर्शन कर अपने आलोचकों का मुंह बंद कर सकती थी।

ऐसे में बिहार के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में उसका प्रदर्शन कैसा रहेगा, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें लगी हुई थीं। लेकिन नतीजे आने के बाद उसने उससे सशक्त विपक्ष बनने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को सिर्फ निराश ही किया है।