भारतीय राजनीति में ग़ैर-कांग्रेसवाद का एक बड़ा दौर रहा है लेकिन अब क्या देश आने वाले समय में ग़ैर-भाजपावाद की राजनीति की ओर बढ़ने वाला है? ग़ैर-भाजपावाद का राजनीतिक मंच सजाने की कोशिश लोकसभा चुनाव से पूर्व करने की छिटपुट कोशिशें भी हुईं लेकिन उसे उतना समर्थन नहीं मिल सका और यह प्रयोग लागू ही नहीं हो पाया। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना ने जिस तरह के तेवर दिखाए हैं और झारखंड में रामविलास पासवान की पार्टी, बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ रही है उससे यह विचार आने लगा है कि क्या आने वाला दौर अब ग़ैर-भाजपावाद के ख़िलाफ़ सभी पार्टियों के एकजुट होने का होगा। वैसे एनडीए, जो कि अब बीजेपी बन चुका है, में सहयोगी दल  सवाल उठाने लगे हैं।