भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु से चलकर राजस्थान पहुँची ही है कि कांग्रेस ने लोगों को जोड़ने के लिए एक और अभियान शुरू करने की योजना बना ली है। भारत जोड़ो यात्रा को अभी जम्मू कश्मीर को पहुँचना बाक़ी ही है। समझा जाता है कि 26 दिसंबर को श्रीनगर में इस यात्रा का समापन होगा और इस दिन राहुल गांधी गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहरा सकते हैं। इसी 26 जनवरी से कांग्रेस 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' शुरू करेगी। तो आख़िर इस अभियान का असर क्या होगा? क्या भारत जोड़ो यात्रा की तरह असर होगा? यदि इस तरह के असर की आस नहीं होगी तो फिर इसका मक़सद क्या है?