कांग्रेस ने पेगासस स्पाइवेयर से नेताओं, पत्रकारों और दूसरे लोगों की जासूसी करने के आरोपों में घिरे मोदी सरकार पर हमला किया है। उसने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार लोगों के बेडरूम में झांक रही है और जासूसी कर रही है। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है और उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ़्रेस कर यह आरोप लगाया है।
कांग्रेस की तरफ़ से सोमवार शाम को रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह प्रेस कांन्फ़्रेंस तब की जब राहुल गांधी समेत कई नेताओं की जासूसी किए जाने की रिपोर्ट आई। एक दिन पहले ही पेगासस से पत्रकारों के जासूसी कराए जाने की रिपोर्ट आई थी। इस बीच आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी का नाम अब भारतीय जासूस पार्टी होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के साथ ही उनके स्टाफ़ की भी जासूसी की गई।
सुरजेवाला ने कहा कि इस देश में संविधान और क़ानून दोनों की हत्या मोदी सरकार द्वारा कैसे की जा रही है, प्रजातंत्र को पैरों तलों कैसे रौंदा जा रहा है, मौलिक अधिकारों को कैसे दबाया जा रहा है, वह यह बताने आए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, देश के मीडिया संस्थानों के पत्रकारों की जासूसी कराई है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से देश के सम्मानित जजों, संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों, शायद अपनी सरकार के मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, सम्मानित पत्रकारों, वकीलों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी करवा रही है।
उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने स्वयं संविधान पर हमला बोल रखा है, क़ानून के शासन और मौलिक अधिकारों पर हमला बोल रखा है।
कांग्रेस नेता ने मीडिया संस्थानों की जासूसी किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18', 'द वायर', 'आउटलुक', 'मिंट', 'रोजाना पहरेदार' जैसे मीडिया संस्थानों की जासूसी क्यों की जा रही थी। उन्होंने सवाल कई सवाल उठाए।
बता दें कि फ्रांस की ग़ैरसरकारी संस्था 'फ़ोरबिडेन स्टोरीज़' और 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने लीक हुए दस्तावेज़ का पता लगाया है और कई समाचार एजेंसियों और संस्थाओं के साथ साझा किया। इसका नाम रखा गया पेगासस प्रोजेक्ट। इज़रायली कंपनी एनएसओ पेगासस सॉफ़्टवेअर बना कर बेचती है। इस सॉफ़्टवेअर के जरिए टेलीफ़ोन के डेटा चुरा लिए गए, उन्हें हैक कर लिया गया या उन्हें टैप किया गया। 'द गार्जियन', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'ला मोंद' ने 10 देशों के 1,571 टेलीफ़ोन नंबरों के मालिकों का पता लगाया और उनकी छानबीन की। उसमें से कुछ की फ़ोरेंसिक जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनके साथ पेगासस स्पाइवेअर का इस्तेमाल किया गया था।
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