बीजेपी ने फिर से सनातन धर्म को लेकर डीएमके नेता के बयान पर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पर हमला किया है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म का विरोध 'इंडिया' गठबंधन का संकल्प है। उन्होंने सवाल किया कि रोज सनातन धर्म का अपमान हो रहा है, इस पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।
रविशंकर प्रसाद डीएमके के एक नेता के बयान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डीएमके के शिक्षा मंत्री का सनातन धर्म पर बयान आया है। प्रसाद ने कहा, 'डीएमके के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी कहते हैं कि इंडिया अलायंस सनातन धर्म के विरोध के लिए ही बना है और उसको ख़त्म करना है। जो उन्होंने उसी सनातन धर्म विरोधी कार्यक्रम में कहा था जिसमें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी और बाद में तो राजा ने कहा कि ये एड्स से भी ज़्यादा संक्रामक है।'
Senior BJP leader Shri @rsprasad addresses a press conference at party headquarters in New Delhi. https://t.co/TCP0Nm5Y5r
— BJP (@BJP4India) September 12, 2023
बीजेपी की मंगलवार को यह तीखी प्रतिक्रिया तब आई है जब डीएमके के एक मंत्री की कथित तौर पर यह कहते हुए वीडियो वायरल हुआ है कि 'इंडिया गठबंधन सनातन धर्म से लड़ने के लिए बनाया गया'। वीडियो में डीएमके सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी बोलते दिखते हैं। न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार डीएमके मंत्री पोनमुडी ने कहा, 'इंडिया गठबंधन सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ लड़ने के लिए बना है, हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन गठबंधन में 26 पार्टियां सनातन धर्म के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं, लेकिन हमें इसके लिए राजनीतिक शक्ति की जरूरत है।'
उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिनों पहले एक बयान में कहा था कि सनातन धर्म लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है और इसे ख़त्म करने की ज़रूरत है। विवाद बढ़ने के बाद भी अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे अपने भाषण के महत्वपूर्ण पहलू को दोहराना चाहिए- मेरा मानना है कि मच्छरों द्वारा डेंगू और मलेरिया और कोविड -19 जैसी बीमारियों के फैलाए जाने की तरह ही सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है।'
बहरहाल, प्रसाद ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म को लेकर यह इनका छुपा हुआ एजेंडा है और इसके लिए वे लंबे समय से लगे हुए हैं। कुछ ऐसा ही आरोप गृहमंत्री अमित शाह ने भी तब लगाया था जब उदयनिधि स्टालिन का इस पर पहली बार बयान आया था। अमित शाह ने आरोप लगाया था कि 'इंडिया' गठबंधन हिंदू धर्म को ख़त्म कर सत्ता हथियाना चाहता है। उन्होंने राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने के लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी सभी धर्मों का सम्मान करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन के लोग किसी खास धर्म के प्रति ऐसा रवैया क्यों अपना रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या किसी आस्थाओं की ये आलोचना कर सकते हैं।
उन्होंने कांग्रेस और सोनिया गांधी का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने अब एजेंडा सेट कर दिया है और बीजेपी अब सनातन के मुद्दे को घर घर तक ले जाएगी। प्रसाद ने कहा, 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। हिंदू आस्था का अपमान नहीं सहेगा हिदुस्तान। सोनिया जी, आपने एजेंडा सेट कर दिया है और हम इसे घर घर तक पहुँचाएँगे।'
बता दें कि जब से यह मुद्दा उठा है तब से इंडिया गठबंधन के दलों ने स्टालिन के उस बयान का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने उस बयान से खुद को अलग कर लिया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कुछ दिन पहले कहा था, 'हमारा विचार स्पष्ट है... सर्व धर्म समभाव कांग्रेस की विचारधारा है।' इधर पार्टी के नेता कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, 'ये स्टालिन के निजी विचार हो सकते हैं... मैं उनसे सहमत नहीं हूं।' कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने कहा, "कांग्रेस संविधान में विश्वास करती है... भगवान की नजर में हम बराबर हैं। मेरा सवाल यह है कि भाजपा को 'धर्म' का प्रमाणपत्र बांटने का अधिकार किसने दिया। जब भाजपा से जुड़े दलों के नेता प्रभु श्री राम का अपमान करते हैं तो भाजपा कभी कुछ नहीं कहती।"
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