बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में 2 व 3 जुलाई को होगी। इस बैठक में 2023 के विधानसभा चुनाव वाले राज्यों, 2024 के लोकसभा चुनाव और अन्य अहम मुद्दों को लेकर चर्चा होगी। एक अहम बात यह है कि उत्तर भारत में दबदबा रखने वाली बीजेपी ने दक्षिण के राज्य तेलंगाना को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए क्यों चुना है।
बीजेपी 2024 के चुनाव प्रचार के लिए वंशवाद मुक्त भारत का नारा दे रही है। इससे पहले बीजेपी के समर्थकों ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था और इसे काफी चर्चा मिली थी। लेकिन अब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी वंशवाद मुक्त भारत के नारे के साथ आगे बढ़ेगी।
अप्रैल में हुए बीजेपी के 42 वें स्थापना दिवस में भी पार्टी की ओर से वंशवाद की राजनीति पर जमकर प्रहार किया गया था।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम बड़े नेता वशंवादी राजनीति के लिए कांग्रेस, डीएमके, सपा, आरजेडी को घेरते रहे हैं। हालांकि बीजेपी में वशंवादी नेताओं की एक लंबी सूची है जो पार्टी को दिखाई नहीं देती।
इस दौरान सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
तेलंगाना पर है नजर
तेलंगाना में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी दक्षिण में कर्नाटक के बाद इस राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्होंने ही बीजेपी नेतृत्व से हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने का अनुरोध किया था जिससे यहां के पार्टी कार्यकर्ताओं को ऊर्जा मिले।
बीजेपी हैदराबाद का नाम भाग्यनगर रखे जाने की मांग उठाती रही है।
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नगर निगम के नतीजे
साल 2020 के अंत में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। वह 4 सीटों से 48 सीटों पर पहुंच गई थी जबकि तेलंगाना में सरकार चला रही टीआरएस 99 से 56 सीटों पर आ गई थी।
नगर निगम के चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी थी और उसे इसका अच्छा नतीजा भी मिला था। इस नतीजे से यह संदेश निकला था कि तेलंगाना में टीआरएस की लड़ाई अब बीजेपी से ही होगी। क्योंकि कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी तेलंगाना में बेहद कमजोर हो गई हैं।
हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने की मांग हो या एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर लगातार हमले, बीजेपी की कोशिश यहां हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की है।
अहम है 2023
साल 2023 राजनीति के लिहाज से बेहद अहम है। इस साल तेलंगाना के साथ ही मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम और राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं। उससे पहले हिमाचल प्रदेश, गुजरात के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं।
देखना होगा कि बीजेपी के वंशवाद मुक्त भारत के नारे को भी क्या कांग्रेस मुक्त भारत नारे जैसी लोकप्रियता मिलेगी और क्या यह नारा उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कामयाबी दिलाने में मददगार साबित होगा।
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