एक वक्त में ब्राह्मण-बनिया और सवर्ण समुदाय की पार्टी समझी जाने वाली बीजेपी का फोकस अब एससी-एसटी और ओबीसी समुदाय पर है। पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने यह दिखाया है कि वह इन वर्गों को शिद्दत के साथ पार्टी से जोड़ना चाहती है। उसने न केवल सिर्फ इसकी बात की है बल्कि इस समुदाय की बेहतरी के लिए कई कदम भी उठाए हैं।
हालांकि जाति जनगणना के मसले पर अभी भी वह तैयार नहीं है लेकिन वह राजनीतिक रूप से एससी-एसटी, ओबीसी को ज्यादा ताकत देने का काम कैसे कर रही है, इसे समझने की जरूरत है।
वामपंथी राजनीतिक दल और इस विचारधारा के समर्थक बीजेपी को ब्राह्मण और सवर्ण समुदाय की पार्टी साबित करने की कोशिश करते हैं लेकिन बीजेपी ने दिखाया है कि वह अब वह सभी जातियों की पार्टी है। इसके साथ ही वह पसमांदा मुसलमानों को भी अपने साथ जोड़ने की काम में जुट रही है।