बीजेपी साल 2022 को लेकर कितनी गंभीर है, इसका पता उसकी चुनावी तैयारियों से चलता है। 2022 की शुरुआत में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं और पार्टी ने वहां सर्वे कराना शुरू किया है। यह सर्वे नमो एप पर हो रहा है, यानी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वे का सीधा फ़ीडबैक मिलेगा।
पांच चुनावी राज्यों में उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड शामिल हैं जबकि 2022 के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं।
सर्वे में भाग लेने वाले लोग अपना सीधा फ़ीडबैक देकर बीजेपी को ये बता सकेंगे कि पार्टी को किन मुद्दों पर काम न करने से नुक़सान हो सकता है। निश्चित तौर पर यह सर्वे ख़ामियों को दूर करने में पार्टी की मदद करेगा। गूगल प्ले स्टोर पर नमो एप के एक करोड़ से ज़्यादा डाउनलोड हैं और यह एप लगातार अपडेट होता है।
नमो एप को खोलते ही पहले बड़े ब्लॉक में शेयर योर ओपिनियन लिखा आता है। इस पर क्लिक करने के बाद आपसे राज्य और विधानसभा सीट पूछी जाती है। राज्य और विधानसभा सीट का चयन करने के बाद सर्वे शुरू हो जाता है।
सर्वे में पूछा गया है कि विधानसभा चुनाव में जब आप वोट देंगे तो इनमें से कौन से मुद्दे आपके लिए अहम होंगे। मुद्दों में- कोरोना महामारी को राज्य सरकार ने किस तरह संभाला, शिक्षा, बेरोज़गारी, क़ानून व्यवस्था, सफाई, महंगाई, भ्रष्टाचार, किसान कल्याण, धारा 370, राम मंदिर निर्माण, ट्रिपल तलाक़, बिजली, रोड और ढांचागत निर्माण शामिल हैं।
इसके बाद जो अगला पेज खुलता है, उसमें आपसे पूछा जाता है कि आप अपनी राज्य सरकार के प्रदर्शन को कैसे आंकते हैं। यहां पर एक सर्किल बना है, जो वेरी पुअर से शुरू होता है, आप इस पर हाथ रखकर घुमाते हैं तो आगे पुअर, गुड, वैरी गुड और एक्सीलेंट लिखा आता है। आप अपनी राज्य सरकार के प्रदर्शन को जैसा आंकते हैं, वहां पर सर्किल को घुमाना छोड़ सकते हैं।
इसके बाद राज्य सरकार के प्रदर्शन को आप किस तरह आंकते हैं, इसके लिए कुछ मानक रखे गए हैं। जैसे- रोड और बुनियादी ढांचा, सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं, रोज़गार के मौक़ों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, किसानों की ख़ुशहाली, भ्रष्टाचार मुक़्त शासन, स्वच्छ भारत, क़ानून और व्यवस्था, शहरी विकास, अर्थव्यवस्था जैसे बड़े मुद्दों पर आपको वेरी पुअर, पुअर, गुड, वेरी गुड और एक्सीलेंट में से किसी एक को चुनने का मौक़ा मिलता है।
आगे बढ़ने पर सवाल पूछा जाता है कि राज्य सरकार की कौन सी योजना से आपको सबसे ज़्यादा फ़ायदा मिला है।
इसके बाद तीन सवाल पूछे गए हैं। पहला सवाल है कि केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने से विकास में मदद मिलती है। दूसरा- पिछले चार सालों में आपकी राज्य सरकार की कार्य संस्कृति सुधरी है और तीसरा- आप अपने राज्य के भविष्य के लिए पहले से ज़्यादा आशावादी हुए हैं। तीनों में सहमत या असहमत होने का विकल्प दिया गया है।
एक बेहद अहम सवाल यह पूछा गया है कि क्या आप ऐसा मानते हैं कि विपक्षी दलों की एकता से आपके निर्वाचन क्षेत्र में कुछ असर पड़ेगा। केंद्र और राज्यों में चल रही विपक्षी एकजुटता की कवायद को देखते हुए ही शायद यह सवाल किया गया है।
इसके बाद स्थानीय विधायक के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसमें पूछा गया है कि क्या आपको उनके द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में पता है, क्या वह उपलब्ध रहते हैं, क्या आप उनके काम से संतुष्ट हैं और क्या वह आपकी विधानसभा में लोकप्रिय हैं।
एक सवाल यह भी पूछा गया है कि क्या आप अपने विधायक को फिर से चुनना चाहते हैं।
रणनीति बुनने में मिलेगी मदद
एक वरिष्ठ अफ़सर ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि इस ऐप में पूछे गए सवालों से जो फ़ीडबैक मिलेगा, विशेषकर ग़ैर बीजेपी शासित राज्यों में, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन राज्यों में किस तरह प्रचार करेंगे, इसे कुछ हद तक तय कर सकता है। काफी सोच-समझकर ही इसमें ये सवाल रखा गया है कि आप अपनी राज्य सरकार के प्रदर्शन को कैसे आंकते हैं। इससे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को चुनाव के दौरान रणनीति बुनने में मदद मिलेगी।
‘इंडिया टुडे’ ने सरकारी अफ़सरों के हवाले से लिखा है कि इस ऐप से जो डाटा सामने आएगा, उसका बेहद बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा। इसके नतीजों को बीजेपी में केंद्र और राज्य में कई स्तर पर साझा किया जाएगा और इससे ही चुनाव की रणनीति, उम्मीदवारों, मंत्री और नेताओं के चयन का फ़ैसला लिया जाएगा।
2022 की बड़ी भूमिका
निश्चित तौर पर यह साफ है कि बीजेपी, संघ परिवार या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2022 के चुनावी राज्यों को जीतने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते। हालिया कैबिनेट विस्तार में कई मंत्रियों की छुट्टी होना, जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखना, इससे पता चलता है कि पार्टी फूंक-फूंककर क़दम रख रही है क्योंकि 2024 के चुनाव नतीजे तय करने में 2022 की बड़ी भूमिका है।
अपनी राय बतायें