चिराग पासवान ने रविवार को रांची में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मेरी पार्टी ने लगातार जाति जनगणना का समर्थन किया है। हमारा मानना है कि सरकार के लिए सटीक जाति का आंकड़ा होना आवश्यक है। राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर कई योजनाएं जातिगत विचारों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिनका लक्ष्य इन समूहों को मुख्यधारा में एकीकृत करना है।
पासवान ने कहा, "ऐसी योजनाओं के प्रभावी होने के लिए, सरकार को संसाधनों को आनुपातिक रूप से आवंटित करने और इन पहलों को उचित रूप से टारगेट करने के लिए जाति आबादी पर सटीक डेटा की आवश्यकता है।"
चिराग का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की अपनी पार्टी की मांग दोहराए जाने के एक दिन बाद आया है। राहुल ने इस मुद्दे पर सरकार पर लगातार दबाव बना रखा है। लैटरल एंट्री पर भी जब राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगातार दो दिनों तक दबाव बनाया तो चिराग पासवान और जेडीयू ने लैटरल एंट्री का विरोध कर दिया और उसके बाद मोदी सरकार ने लैटरल एंट्री का विज्ञापन वापस ले लिया। अब जाति जनगणना का मुद्दा भी सामने आ गया है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में लड़ी गई सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की, जिससे पासवान को कैबिनेट पद मिला, जो केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। दूसरी तरफ बिहार में भाजपा की एक अन्य सहयोगी पार्टी, नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने अक्सर मांग की है कि भारत में जाति जनगणना कराई जाए।
रविवार को रांची में एक बैठक में पासवान को उनकी पार्टी का फिर से अध्यक्ष चुना गया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने घोषणा की कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस साल के अंत में झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
पासवान ने कहा, "राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने यहां अपनी बैठक में मुझे अगले पांच साल के लिए फिर से चुना है। हमने राज्य इकाइयों से सुझाव लिया है कि क्या वे उन राज्यों में गठबंधन में या अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं जहां हमारा संगठन मजबूत है। राष्ट्रीय स्तर पर, हमारा भाजपा के साथ गठबंधन है और हम एनडीए के एक मजबूत गठबंधन भागीदार हैं।"
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