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किसान आंदोलन पर कंगना के बयान पर बीजेपी नेता भी नाराज़ क्यों?

बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन पर फिर से विवादित बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन स्थल पर लाशें लटकती देखी गईं और बलात्कार हो रहे थे। उन्होंने कहा है कि यदि मोदी सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए होते तो किसानों के विरोध प्रदर्शन से भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। उनके इस बयान को विपक्षी दलों ने तो आलोचना की ही, बीजेपी के नेता भी नाराज़ हैं। 

कंगना की टिप्पणियों की उनकी अपनी पार्टी के भीतर ही आलोचना हुई है। पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता हरजीत ग्रेवाल ने कंगना को भड़काऊ बयान देने से बचने की सलाह दी। ग्रेवाल ने इंडिया टुडे से कहा, 'किसानों पर बोलना कंगना का काम नहीं है, कंगना का बयान निजी है। पीएम मोदी और भाजपा किसानों के हितैषी हैं।' 

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ग्रेवाल ने कहा कि 'विपक्षी दल हमारे खिलाफ काम कर रहे हैं और कंगना का बयान भी यही कर रहा है। उन्हें संवेदनशील या धार्मिक मुद्दों, धार्मिक संगठनों पर इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।'

बीजेपी नेता का यह बयान कंगना के किसानों के बयान पर चुनाव के बीच आया है। एक्स पर शेयर किए गए एक वीडियो में कंगना रनौत ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान लाशें लटकती देखी गईं और बलात्कार हो रहे थे। उन्होंने क़ानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी रहने के लिए निहित स्वार्थों और विदेशी ताक़तों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश में जो हुआ, वह यहां भी आसानी से हो सकता था। विदेशी ताकतों द्वारा साजिश रची जा रही है और ये फिल्मी लोग इसी पर फल-फूल रहे हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि देश बर्बाद हो जाए।'

कंगना के इस बयान पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि किसानों को बीजेपी नेताओं ने बहुत अपशब्द बोले हैं, अब उनकी सांसद अन्नदाताओं को हत्यारे और बलात्कारी भी बोल रही हैं- इसका जवाब हम नहीं - बस कुछ दिनों में हरियाणा देगा।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार को लगता है कि विदेशी ताक़तें हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दखल दे रहे हैं, तो इसके बारे में क्या कदम उठाये जा रहे हैं? उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या यह कंगना जी की निजी राय है या यह बीजेपी और सरकार का मत है?

इसके साथ ही श्रीनेत ने यह भी सवाल पूछा है कि क्या बीजेपी और सरकार भी यह मानती है कि अमेरिका और चीन हमारे देश के अंदर अस्थिरता कर रहे हैं? उन्होंने कहा, 'लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े किए गए हैं - तो बीजेपी और सरकार को जवाब तो देना ही पड़ेगा। और अगर ऐसा नहीं है तो यह सांसद कान पकड़ कर माफ़ी माँगें!'

कांग्रेस के एक अन्य नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "किसान आंदोलन में रेप हो रहे थे, लाशें लटकी थीं- कंगना राणावत भाजपा सांसद। क्या ये बयान सहने योग्य है, बीजेपी! आप भाजपा वाले सहमत हैं? मीडिया के मित्रों, क्या कंगना सही कह रही है? अगर नहीं तो इसकी मुख़ालिफ़त क्यों नहीं?"

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बता दें कि कंगना की टिप्पणी भाजपा के लिए ऐसे समय में आई है, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव कुछ ही हफ्ते दूर हैं। उनकी टिप्पणी से बीजेपी के ख़िलाफ़ किसानों का गुस्सा और भड़क सकता है, जिससे कृषि-केंद्रित क्षेत्रों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। 

यह पहली बार नहीं है जब किसानों पर अपनी टिप्पणियों के लिए रनौत को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 2020 में कृषि कानूनों के विरोध के बीच, उन्होंने पंजाब की एक महिला किसान की गलत पहचान करने और उसके बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। संसद के लिए चुने जाने के तुरंत बाद कंगना रनौत चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर एक सीआईएसएफ कर्मी के साथ विवाद में भी शामिल थीं, जिसने कथित तौर पर किसान विरोधी टिप्पणियों को लेकर उन्हें थप्पड़ मारा था।

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क़मर वहीद नक़वी
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