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आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह

बिहारः क्या आरजेडी के लिए सुधाकर सिंह चुनौती बनते जा रहे हैं?

बिहार आरजेडी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। आरजेडी ने आज बुधवार को पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को नोटिस जारी कर दिया है। सुधाकर लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर आरजेडी को चुनौती दे रहे हैं। सुधाकर के बयान से यह संदेश जा रहा है कि वो आरजेडी आलाकमान के इशारे पर मुख्यमंत्री को निशाना बना रहे हैं, जबकि यह हकीकत नहीं है। यही वजह है कि आरजेडी ने अब सुधाकर सिंह को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। दूसरी तरफ आरजेडी नेता और मंत्री चंद्रशेखर राम चरित मानस पर विवादित टिप्पणी करके बिहार सरकार को मुसीबत में डाल चुके हैं। इस मुद्दे पर भी नीतीश की राय आरजेडी नेताओं से अलग है। 

आरजेडी ने आज बुधवार को अपने रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।

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न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया है कि सुधाकर सिंह ने हाल ही में अवैध शराब को लेकर मुख्यमंत्री की खिंचाई की थी और आरोप लगाया था कि बिहार में शराब की "होम डिलीवरी" सेवा चल रही है। सुधाकर ने कहा था - लोग कहते हैं कि बिहार में जहरीली शराब है। लेकिन सभी जानते हैं कि घर-घर नकली शराब पहुंचाई जा रही है। अगर घर-घर नकली शराब पहुंचाई जा सकती है तो क्या बिहार सरकार किसानों के घर बीज और खाद नहीं पहुंचा सकती? लेकिन इसके लिए इच्छाशक्ति की जरूरत है।  
एएनआई ने सुधाकर का कोट देते हुए बताया - 

कहा जा रहा है कि बिहार में एक बड़ा बदलाव आया है। वह बदलाव कहाँ है? सरकारी आंकड़े लाजवाब हैं... लोग समझ नहीं पाते कि जो कहा वह सच में हुआ... एक (मोबाइल) ऐप यहां ठीक से नहीं चल सकता और आप कहते हैं कि आप राज्य बदल देंगे... आप झूठ बोल रहे हैं। आप कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं।


- सुधाकर सिंह, पूर्व मंत्री, बिहार 17 जनवरी 2023 को सोर्सः एएनआई

आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आरजेडी ने कहा, - संज्ञान में आया है कि एक बार फिर आपने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया है। आरजेडी के राष्ट्रीय अधिवेशन में आमराय से यह पारित किया गया कि गठबंधन के भीतर और शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व के मुद्दों पर बात करने के लिए केवल पार्टी के सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष या माननीय उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ही अधिकृत किया गया है। आपने लगातार इस संकल्प का उल्लंघन किया है। 
यह संकेत करते हुए कि सुधाकर सिंह के बयान उन ताकतों को लगातार मजबूत कर रहे हैं जो संविधान को रौंद कर इंसाफ, भाईचारा और समानता की वकालत को खत्म करना चाहते हैं। आरजेडी के नोटिस में आगे लिखा है: आपके आपत्तिजनक बयान देश के एक बड़े वर्ग को आहत कर रहे हैं।
सुधाकर को यह नोटिस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के संविधान की धारा -33 के उपनियम -22 के तहत, 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण दें कि आपके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। .

चुनौती बन रहे हैं सुधाकर

 जेडीयू नेताओं ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी से सुधाकर सिंह की नकेल न कसने पर नाराजगी जताई गई है। सुधाकर के बयान से जनता में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन को लेकर गलत संदेश जा रहा है। हालांकि नीतीश खुद कह चुके हैं कि वो राष्ट्रीय राजनीति में जा रहे हैं, इसलिए बिहार के सीएम पद पर अब तेजस्वी आएंगे। लेकिन सुधाकर सिंह जैसों की टिप्पणियों से यह लग रहा है कि आरजेडी तेजस्वी को जल्द से जल्द सीएम की कुर्सी पर देखना चाहती है। हालांकि आरजेडी और तेजस्वी को इस मुद्दे पर खुद कोई जल्दी नहीं है।
आरजेडी नेतृत्व को अकेले सुधाकर से ही नहीं जूझना पड़ रहा है। मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस वाले बयान पर भी आरजेडी और जेडीयू की भिन्न-भिन्न राय आई। तेजस्वी ने जहां मंत्री चंद्रशेखर का यह कहकर समर्थन किया कि सभी को बोलने की आजादी है, वही नीतीश कुमार ने कहा कि सभी का अपना धर्म है। रामचरित मानस पर टिप्पणी क्यों की जा रही है। जिसको जो मानना है माने, नहीं मानना है तो चुप रहे। नीतीश ने साफ कर दिया कि वो आरजेडी नेता और मंत्री चंद्रशेखर के बयान से खुश नहीं हैं। इस बयानबाजी से गलत संदेश जा रहा है। दूसरी तरफ बीजेपी भी नीतीश पर हमलावर है। उसका कहना है कि नीतीश सरकार नहीं संभाल पा रहे हैं।
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सरकारी नीतियों और बिहार में सूखे जैसी स्थिति पर उनकी टिप्पणियों को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को सार्वजनिक रूप से फटकारा था। उसके बाद सुधाकर ने अक्टूबर 2022 में कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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