loader

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ूंगा: अशोक गहलोत 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। गहलोत ने इस बात की पुष्टि की है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन दाखिल करेंगे। इंडिया टुडे के मुताबिक गहलोत ने कहा कि वह राजस्थान से दूर नहीं जाएंगे और राज्य के लिए काम करते रहेंगे।

बीते दिनों मीडिया में आई तमाम खबरों में कहा गया था कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बने रहना चाहते हैं। 

लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा ‘एक व्यक्ति एक पद’ का समर्थन करने के बाद गहलोत के लिए दोनों पदों पर रहना मुश्किल हो गया है। 

ताज़ा ख़बरें

राहुल ने कहा था कि उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में कांग्रेस ने जो संकल्प लिए थे, उन्हें उम्मीद है कि पार्टी उन पर कायम रहेगी। यह चिंतन शिविर इस साल मई में हुआ था। गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कई बार राहुल गांधी से अनुरोध किया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनें क्योंकि सभी कांग्रेसी ऐसा चाहते हैं लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं बनेगा। 

हालांकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में तटस्थ रहेंगी। लेकिन अशोक गहलोत को गांधी परिवार द्वारा समर्थित उम्मीदवार माना जा रहा है इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उनका जीत हासिल करना लगभग तय है।

कौन होगा मुख्यमंत्री?

अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद यह बड़ा सवाल होगा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी। कांग्रेस इस पद पर किस नेता को बैठाएगी, इसे लेकर चारों ओर चर्चा है। 

इस बीच, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा है कि अगर सचिन पायलट राज्य के मुख्यमंत्री बनते हैं तो वह इसका विरोध नहीं करेंगे। राजेंद्र गुढ़ा अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन शुरू होने हैं और ताजा हालात में यह साफ दिखाई दे रहा है कि अध्यक्ष के चुनाव में एक से ज्यादा उम्मीदवार होंगे क्योंकि केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर का अध्यक्ष का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। इसके अलावा पंजाब से कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बारे में भी कहा जा रहा है कि यह नेता भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकते हैं। 

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए जारी अधिसूचना के मुताबिक, एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। 

Ashok Gehlot will contest Congress president election 2022 - Satya Hindi
लेकिन देखना यह होगा कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के संकट को कैसे सुलझाता है। क्या राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अशोक गहलोत का कोई करीबी नेता बैठेगा या फिर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी। पायलट खेमे को उम्मीद है कि अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे और मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके नेता सचिन पायलट को मिलेगी लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा। 
राजस्थान की सियासत में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी लड़ाई जगजाहिर है। क्या कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री की कुर्सी के मामले में अशोक गहलोत की पसंद को अहमियत देगा?
बताना होगा कि अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के बाद से ही राजस्थान में उनके सियासी विरोधी सचिन पायलट का खेमा जबरदस्त एक्टिव हो गया है।
राजनीति से और खबरें

2018 में दावेदार थे पायलट

2018 में जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में आई थी तब पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी जबकि पायलट उप मुख्यमंत्री बने थे। पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री जैसे बड़े पद पर भी थे लेकिन बगावत के बाद उन्हें दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा था।

राजस्थान की सियासत में कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री के पद के लिए विधानसभा स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी या कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम आगे बढ़ाया है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व और गांधी परिवार सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलती है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें