आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को हरियाणा के हिसार में ‘मेक इंडिया नंबर 1’ मिशन को लॉन्च किया। हिसार केजरीवाल का जन्मस्थान भी है। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि हमारे पास सबसे अच्छे इंजीनियर हैं, डॉक्टर हैं लेकिन सिस्टम खराब है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के भरोसे हम देश को नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि अब हमें भारत को नंबर एक बनाना है और हर भारतीय को जोड़ना है।
इस मौके पर केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। केजरीवाल ने कहा कि जहां तक एसवाईएल के मुद्दे की बात है तो केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि दोनों राज्यों में पानी की कमी के मुद्दे का समाधान करे। एसवाईएल के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच सालों से विवाद चला आ रहा है।
केजरीवाल ने कहा है कि नई पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पेंशन योजना से कर्मचारी बहुत दुखी और गुस्से में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हमारी नीयत साफ है तो देश को नंबर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता।
‘मेक इंडिया नंबर 1’ मिशन की शुरुआत के तहत केजरीवाल आदमपुर और हिसार में रैलियां करेंगे और इसके बाद वह हरियाणा के तमाम कई और इलाकों में और दूसरे राज्यों में कार्यक्रम करेंगे।
केजरीवाल ने कुछ दिन पहले जोर शोर के साथ ‘मेक इंडिया नंबर 1’ मिशन को लांच किया था और कहा था कि भारत को दुनिया का नंबर 1 देश बनाने के लिए देशभर के लोगों को आम आदमी पार्टी के साथ आना चाहिए।
अकेले उतरेंगे केजरीवाल?
केजरीवाल ने पंजाब चुनाव में जीत के बाद एलान किया था कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इसका मतलब केजरीवाल तीसरे मोर्चे या चौथे मोर्चे जैसे किसी संभावित गठबंधन में शामिल नहीं होंगे और अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम के तहत उनसे मुलाकात की है।
बढ़ी ताकत
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने 2013 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक तीन बार दिल्ली में सरकार बनाई है जबकि इस बार पंजाब में भी उसे प्रचंड बहुमत मिला है।
2013 के विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जबकि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अपने दम पर बड़ी जीत मिली थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 सदस्यों वाली दिल्ली में 67 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2020 में यह आंकड़ा 62 सीटों का था।
2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन 2019 में यह आंकड़ा गिरकर एक रह गया था। लेकिन दिल्ली और पंजाब में मिली जीत की वजह से राज्यसभा में पार्टी के सांसदों का आंकड़ा 10 पहुंच गया है।
ऑपरेशन लोटस पर बीजेपी को घेरा
आदमी पार्टी इन दिनों आबकारी नीति के मुद्दे पर फंसी हुई है लेकिन उसने इसका जवाब ऑपरेशन लोटस को जोर-शोर से उठा कर दिया है। पार्टी के नेताओं ने बीजेपी पर देश भर में विपक्षी विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी इस काम में 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी है। आम आदमी पार्टी ने जांच एजेंसी सीबीआई से कहा है कि वह ऐसे राज्यों में जहां पर विपक्षी दलों की सरकारों को गिराया गया है वहां हुए ऑपरेशन लोटस की जांच करे।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कुछ दिन पहले दिल्ली की विधानसभा में रात भर धरना भी दिया था।
कई राज्यों में पसारे पैर
आम आदमी पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा का चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ने जा रही है, वहां वह विपक्षी वोटों में सेंध लगा सकती है।
आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ सालों में कर्नाटक से लेकर केरल और राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश तक अपने संगठन का विस्तार किया है। उसने उत्तराखंड और गोवा का चुनाव भी लड़ा था। उत्तराखंड में उसे कोई सीट नहीं मिली लेकिन गोवा में उसके दो विधायक जीते हैं।
देखना होगा कि केजरीवाल ‘मेक इंडिया नंबर 1’ मिशन के तहत आम आदमी पार्टी को कितना मजबूत कर पाते हैं और उनके देशभर में घूमने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहता है।
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