पंजाब में लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी यानी आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही हैं और इसके लिए दोनों दलों में आपसी सहमति है। आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद यह बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में सीट बँटवारे पर बातचीत जारी है। यानी दिल्ली में अभी भी दोनों दलों के बीच गठबंधन होने की संभावना है।
उनका यह बयान तब आया है जब हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे थे कि क्या अब आप भी एक तरह से इंडिया गठबंधन से बाहर होने की तैयारी में है। जेडीयू पहले ही बाहर हो चुका है और ममता बनर्जी ने बंगाल में सीट बँटवारे से इनकार कर दिया है।
केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की जनता दिल्ली की सात लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी को देने के मूड में है। पंजाब के खन्ना में लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कह दिया था कि दिल्ली की जनता 7 की सात लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है और अब पंजाब की 13 सीटों पर भी आपको भगवंत मान के हाथ को मजबूत करना है। ऐसे में लगने लगा था कि ममता बनर्जी की तरह ही अरविंद केजरीवाल भी अब इंडिया गठबंधन में रहने के मूड में नहीं हैं।
लेकिन अब अरविंद केजरीवाल की इस मुद्दे पर सफाई आई है। केजरीवाल ने रविवार को कांग्रेस नेता और प्रसिद्ध वकील अभिषेक सिंघवी के घर के दोपहर के भोजन के लिए घर का दौरा किया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब को लेकर केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, 'पंजाब में कांग्रेस और आप ने अलग-अलग चुनाव लड़ने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति जताई है। इस पर कोई शत्रुता नहीं है।'
बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी सात सीटें जीतीं। पार्टी ने 2014 में भी सभी सीटें जीती थीं। केजरीवाल की ताज़ा टिप्पणी से पता चलता है कि इंडिया के सहयोगियों ने बीजेपी से लड़ने के अपने उद्देश्य पर अब फोकस किया है।
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की थी कि आप ने अकेले पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया था। पंजाब में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में से एक और विधानसभा में विपक्ष के नेता ने सिंह बजवा ने मुख्यमंत्री को 'धन्यवाद' दिया और कहा कि यही तो कांग्रेस चाहती है।
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