आम आदमी पार्टी ने पहले विपक्षी एकता से अलग होने की धमकी दी। फिर उसने बीजेपी द्वारा लाई जाने वाली समान नागरिक संहिता के सैद्धांतिक समर्थन की बात कही। अब इसने हरियाणा में अपने नये पदाधिकारियों की घोषणा की है। यानी पार्टी हरियाणा में अपना विस्तार कर रही है और वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। जबकि विपक्षी एकता के लिए जुटी पार्टियों ने अन्य राज्यों में विस्तार रोकने का संकल्प लिया था। तो सवाल है कि क्या आम आदमी पार्टी विपक्षी एकता के संकल्प के साथ नहीं चलना चाहती?