कांग्रेस पार्टी का अंतरकलह और केंद्रीय नेतृत्व के प्रति वरिष्ठ नेताओं का असंतोष बढ़ता ही जा रहा है। जिसे कुछ नाराज़ नेताओं का एक छोटा समूह माना जा रहा था, उस जी -23 में नए-नए और अहम नेता शामिल हो रहे हैं।
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद व मशहूर लेखक शशि थरूर ने कपिल सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन और हुड़दंग को शर्मनाक क़रार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, "यह शर्मनाक है। हम कपिल सिब्बल को पक्के कांग्रेसी के रूप में जानते हैं जिन्होंने कांग्रेस की ओर से कई मुक़दमे लड़े हैं। उस कपिल सिब्बल की गाड़ी लोगों ने तोड़ दी, उसकी छत पर खड़े हो गए, जिससे वह धँस गई। घर के अंदर और बाहर टमामटर फेंके गए। यह गुंडागर्दी नहीं तो क्या है?" थरूर ने मनीष तिवारी के ट्वीट को रिट्वीट किया, जिसमें इसी तरह की बातें कही गई हैं।
That is shameful. We all know @KapilSibal as a true Congressman who has fought multiple cases in court for @INCIndia. As a democratic party we need to listen to what he has to say,disagree if you must but not in this way. Our priority is to strengthen ourselves to take on theBJP! https://t.co/XmtdHapach
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 30, 2021
अंतरकलह
कांग्रेस का यह अंतरकलह ऐसे समय खुल कर सड़कों पर आ रहा है जब पार्टी कई तरह के संकट से जूझ रही है। पार्टी के अंतरकलह की वजह से पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इस्तीफ़ा देना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद मामला नहीं थमा।
नवजोत सिंह सिद्धू के दबाव और गुटबंदी की वजह से अमरिंदर सिंह को हटाया गया, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन इसके बाद ही सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
नव निर्वाचित मुख्यमंत्री की मुसीबतें बढ़ीं और कैबिनेट मंत्री रज़िया सुलताना ने मंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद ही इस्तीफ़ा भी दे दिया।
दूसरी ओर पद से हटाए जाने के बाद बिफरे हुए अमरिंदर सिंह ने बीजेपी नेता अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाक़ात की।
उन्होंने इसके बाद कहा कि वे बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस छोड़ रहे हैं।
इसके बावजूद कांग्रेस का सिरफुटौव्वल थम नहीं रहा है। इसके गुट आमने-सामने हो रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कपिल सिब्बल के घर पर हमला किए जाने के बाद आनंद शर्मा ने अपनी ही पार्टी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि हमले के बारे में जानकर वह स्तब्ध हैं। सिब्बल के घर पर बुधवार रात को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ही तब विरोध-प्रदर्शन और हमला किया था जब उन्होंने कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस नेतृत्व यानी गांधी परिवार की आलोचना की थी। पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के घर के बाहर हाथों में 'गेट वेल सून कपिल सिब्बल' की तख्तियाँ लिए प्रदर्शन किया था। उन्होंने उनके घर पर टमाटर फेंके थे। सिब्बल की कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने 'पार्टी छोड़ो', 'होश में आओ' और 'राहुल गांधी ज़िंदाबाद' के नारे लगाए थे।
इसी घटना को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, 'कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की ख़बर सुनकर स्तब्ध और निराश हूँ। यह निंदनीय कार्रवाई पार्टी को बदनाम करती है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।'
Congress has a history of upholding freedom of expression . differences of opinion and perception are integral to a democracy. Intolerance and violence is alien to Congress values and culture.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) September 30, 2021
उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किये। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने का इतिहास रहा है। विचारों और मतों की विविधता लोकतंत्र का अभिन्न अंग है। असहिष्णुता और हिंसा कांग्रेस के मूल्यों और संस्कृति से अलग है।'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'ज़िम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें अनुशासित किया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता हूँ।'
वह उन कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जो सिब्बल के बयान से खफा थे और जिन्होंने उनके घर पर हमला किया था। पार्टी के कार्यकर्ता इसलिए विरोध कर थे क्योंकि सिब्बल ने पहले फोन कर पत्रकारों को बुलाया और फिर प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पंजाब कांग्रेस संकट को लेकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए।
जी-23 नेताओं में गिने जाने वाले सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर तंस कसते हुए कहा था कि 'हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है तो हम नहीं जानते हैं कि फ़ैसले कौन ले रहा है। हम जानते हैं और तो भी हम नहीं जानते हैं।' पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने के साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जी-23 नेता कभी भी पार्टी नहीं छोड़ेंगे और कहीं और नहीं जाएँगे। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे 'जी हुजूर-23' नहीं हैं। पार्टी छोड़कर जाने वालों के बारे में कहा कि जो खुद को क़रीबी बताते थे वे छोड़कर जा रहे हैं।
कपिल सिब्बल उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ख़त लिखा था और पार्टी में आमूलचूल बदलाव लाने की मांग की थी। सबसे प्रमुख मांगों में से एक थी नेतृत्व परिवर्तन की मांग। यह कहकर नेतृत्व बदलने की मांग की गई थी कि पार्टी की बागडोर ऐसे हाथों में सौंपी जाए जो पूरे समय पार्टी के लिए सक्रिय रह कर काम करे।
सिब्बल ने कहा था, 'मैं उन कांग्रेसियों की ओर से आपसे (मीडिया) बात कर रहा हूँ जिन्होंने पिछले साल अगस्त में ख़त लिखा था और जो अध्यक्ष से लेकर सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति में चुनाव के संबंध में हमारे नेतृत्व द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा,
“
हम वे नहीं हैं जो पार्टी छोड़कर कहीं और जाएँगे। यह विडंबना है। जो उनके (पार्टी नेतृत्व) क़रीब थे, वे चले गए हैं और जिन्हें वे अपने क़रीब नहीं मानते हैं, वे अभी भी उनके साथ खड़े हैं।
कपिल सिब्बल
सिब्बल का इशारा जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं की तरफ़ था। इन दोनों नेताओं के अलावा पिछले कुछ सालों में एसएम कृष्णा, सोनिया गांधी के क़रीबी रहे टॉम वडक्कन, रीता बहुगुणा जोशी, जगदंबिका पाल, अशोक तंवर, सुष्मिता देव सहित कई नेता पार्टी को छोड़ चुके हैं।
बहरहाल, सिब्बल ने यह भी कहा था, "एक बात सबके लिए स्पष्ट होनी चाहिए। हम 'जी हुजूर-23' नहीं हैं। हम बात करते रहेंगे। हम अपनी मांगों को दोहराते रहेंगे... देश के हर कांग्रेसी नेता को सोचना चाहिए कि पार्टी को कैसे मज़बूत किया जा सकता है। जो चले गए हैं उन्हें वापस आना चाहिए क्योंकि कांग्रेस ही इस गणतंत्र को बचा सकती है।"
उनके इस बयान के बाद टीएस सिंह देव सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने कपिल सिब्बल की आलोचना की। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने ट्वीट कर उनपर निशाना साधा।
सवाल यह है कि लगातार पिछड़ रही कांग्रेस पार्टी अपने कई अहम नेताओं को खोने के बावजूद आत्मावलोकन क्यों नहीं कर रही है, यह क्यों नहीं अपने को दुरुस्त करने की कोशिश करती है।
अगले कुछ महीनों के बाद ही पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। साल 2024 के आम चुनाव की तैयारियों बीजेपी अभी से लग गई है। ऐसे में कांग्रेस आगे की तैयारियों की तो बात दूर, अपने अंदर की मारामारी को ही ठीक नहीं कर पाई है।
ऐसे में वह इन चुनावों में बीजेपी के बरक्स जनता के सामने क्या विकल्प पेश करेगी और बीजेपी को हटाने की इच्छा रखने वाले लोग भी कांग्रेस से कैसे जुड़ पाएंगे। ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन पर कांग्रेस को जल्द ही विचार करने की ज़रूरत है।
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