कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पूछा है कि क्या कांग्रेस सिर्फ गांधी परिवार तक ही सीमित है। आनंद शर्मा ने रविवार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के एक और बड़े नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर की प्रचार कमेटी के अध्यक्ष से इस्तीफा देकर कांग्रेस आलाकमान को बड़ा झटका दिया था। कुछ ही महीनों के भीतर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
शर्मा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर भी सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बात की कोई वजह नहीं है कि कांग्रेस को सिर्फ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नाम तक ही सीमित रह जाना चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ऐसा करके हम कांग्रेस पार्टी के इतिहास के साथ मजाक नहीं कर रहे हैं।
G-23 गुट के नेता
बताना होगा कि आनंद शर्मा भी कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 के नेता हैं। इस गुट ने कुछ साल पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलावों की मांग की थी। गुलाम नबी आजाद G-23 गुट के प्रमुख चेहरे हैं।
शर्मा ने बातचीत में कहा कि हम बागी नहीं हैं, हम सुधारवादी हैं उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान का पालन करने की बात कहना क्या अपराध है।
सूत्रों के मुताबिक, आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें पार्टी में फैसले लेने की प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। शर्मा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि वह कांग्रेसी हैं और जीवन भर कांग्रेसी ही बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक स्वाभिमानी शख्स के रूप में उनके पास अपने बहिष्कार और अपमान को देखते हुए और कोई विकल्प नहीं बचा था।
आनंद शर्मा ने कहा कि वह हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और कांग्रेस कार्यसमिति की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य भी हैं। शर्मा ने कहा कि उन्होंने इसकी कभी मांग नहीं की थी कि उन्हें कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को अपने जीवन के 50 साल दिए हैं और कांग्रेस में ऐसा कोई नहीं है जो गुलाम नबी आजाद, उन पर या किसी अन्य पर सवाल खड़े कर सके।
सिब्बल ने भी बोला था हमला
इस साल मार्च में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला था। सिब्बल ने कहा था कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी दूसरे नेता को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए। कपिल सिब्बल का यह बयान पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार के तुरंत बाद सामने आया था।पार्टी छोड़ रहे नेता
पार्टी नेताओं की मुखालफत के अलावा तमाम बड़े नेता पार्टी भी छोड़ रहे हैं। बीते कुछ महीनों की बात करें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पंजाब में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुनील जाखड़, गुजरात में कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार और आरपीएन सिंह पार्टी से किनारा कर चुके हैं।
लगातार चुनावी हार का सामना कर रही कांग्रेस के लिए हिमाचल प्रदेश, गुजरात के साथ ही जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी बेहद अहम हैं।
2024 का चुनाव
चुनावी हार से पस्त कांग्रेस के लिए 2024 का चुनाव बेहद अहम है। लेकिन 2024 का चुनाव लड़ने के लिए उसे 2022 और 2023 के चुनावी राज्यों में बड़ी जीत हासिल करनी होगी वरना वह यूपीए गठबंधन का नेतृत्व भी शायद नहीं कर पाएगी।
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