पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद से सीधे मुकाबले में घिरी बीजेपी अभी भी रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी हुई है। बुलंदशहर जिले के अनूपशहर में एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री मंत्री अमित शाह ने कहा, जयंत बाबू सत्ता मिलने पर अखिलेश आपकी बात नहीं मानेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के कई नेता अब तक चार-पांच बार जयंत चौधरी को इस तरह का बयान देकर बीजेपी में आने का निमंत्रण दे चुके हैं। हालांकि जयंत चौधरी कई बार कह चुके हैं कि वह भगवा पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
अनूपशहर में रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने जयंत चौधरी से कहा कि जो शख्स अपने पिता और चाचा की नहीं सुनता वो दूसरों की क्या सुनेगा। सपा की सरकार जिस दिन आएगी, उसके अगले दिन जयंत बाहर होंगे और आजम खान अखिलेश के बगल में होंगे।जयंत को फुसलाने की कोशिशबीजेपी जयंत चौधरी को बार-बार फुसलाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी से चुनावी गठबंधन को ठुकराने के बाद रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी पर बीजेपी नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी नेता बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे जयंत चौधरी की साख पर चोट की जा सके। हालांकि जयंत चौधरी भी डटकर जवाब दे रहे हैं लेकिन बीजेपी नेता उन्हें एक रणनीति के तहत बार-बार घेर रहे हैं। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर पश्चिमी यूपी के जाटों की पंचायत बुलाई थी। उस पंचायत में भी अमित शाह ने जयंत चौधरी का जिक्र किया। उसके बाद प्रवेश वर्मा ने कहा कि जयंत के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन जयंत चौधरी ने कहा था कि वो चवन्नी नहीं हैं जो पलट जाएंगे।
बीजेपी जयंत चौधरी को लेकर काफी बौखलाहट में है। क्योंकि जयंत के सपा से हाथ मिलाने के बाद जाटों में बीजेपी का असर कम हो गया है। जाट बहुल गांवों में बीजेपी प्रत्याशियों का विरोध यही बता रहा है। सरधना विधानसभा के दौराला गांव में जिस तरह बीजेपी प्रत्याशी संगीत सोम का विरोध हुआ, उससे रालोद-सपा गठबंधन की मजबूती का पता चलता है।
बीजेपी जयंत चौधरी को पुराना इतिहास याद दिलाकर बताना चाहती है कि राज्य में रालोद और बीजेपी पहले भी गठबंधन कर चुके हैं। उस समय रालोद ने पांच सीटें जीती थीं। उसके बाद यूपी में रालोद का प्रदर्शन खराब रहा है।
इस बार जिन 70 सीटों पर पहले चरण में चुनाव हो रहे हैं। बीजेपी ने वहां 2017 में 70 में से 58 सीटें जीती थीं। बीजेपी का वेस्ट यूपी में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं था। लेकिन जाटों और गर्जुरों ने बीजेपी को वोट दिया था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने यहां अच्छा प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था और इस चुनाव में दिवंगत रालोद नेता अजित सिंह और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी चुनाव हार गए थे।
राज्य के पश्चिमी जिलों में पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होगा। इसलिए बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। उसी वजह से आज अमित शाह चुनाव प्रचार के लिए अनूप शहर, डिबाई और लोनी पहुंचे थे।
और क्या कहा शाह नेअमित शाह ने कहा कि पश्चिमी यूपी माफिया से परेशान थी। बीजेपी सरकार ने 5 वर्षों में सारे माफिया को जेल भेज दिया। जो बचे हैं, वे अखिलेश यादव की पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। माफिया ने दो हजार करोड़ की जमीन कब्जा ली थी, जिसे बीजेपी सरकार ने उसके कब्जे से मुक्त कराया है। पश्चिमी यूपी में अब बहन-बेटियां सुरक्षित हैं।
अनूपशहर में गुरुवार को अमित शाह की सभा। ये फोटो खुद अमित शाह ने पोस्ट किया है।
अमित शाह ने मंदिर मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं। अखिलेश ने मंदिर न बनने पर सवाल उठाया। मोदी जी ने मंदिर का शिलान्यास भी कर दिया। मोदी जी ने काशी में भव्य कॉरिडोर का निर्माण कराया।किसानों के मुद्दे को भी अमित शाह ने छुआ। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल खरीदी नहीं जाती थी लेकिन अब एमएसपी पर खरीदी जा रही है।
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