अखिलेश यादव ने फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस चालू पार्टी है। मध्यप्रदेश में चुनावी सभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वे बीजेपी से साथ साथ कांग्रेस को भी वोट नहीं दें।
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में एक चुनावी रैली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, '...अगर आपको राशन के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है, तो आप बीजेपी को वोट क्यों देंगे? कांग्रेस को भी वोट मत देना। बहुत चालू पार्टी है कांग्रेस। सावधान रहोगे कि नहीं रहोगे? बंसल जी दुखी थे कि धोखा दे दिया... अरे जब हमें धोखा दे दिया तो आप कहां के बंसल हो!'
उन्होंने आगे कहा कि 'कांग्रेस और बीजेपी की बातों में मत आना। कांग्रेस भी जाति जनगणना कहने लगी है। ये इसलिए कहने लगी क्योंकि उनका जो वोट था वो सब बीजेपी में चला गया। वो वोट लेने के लिए जाति जनगणना करा रहे हैं। हम समाजवादी लोग आपको हक-सम्मान दिलाने के लिए करा रहे हैं।'
उनका यह बयान तब आया है जब हाल के दिनों में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में खटपट की ख़बरें आई हैं। कांग्रेस और सपा लोकसभा चुनाव के लिए बने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में भले ही साथ हैं, लेकिन इन दोनों दलों के बीच खटपट तो ऐसी है जैसे ये दोनों ही यूपी में आमने-सामने टक्कर में हैं! दोनों दलों के बीच ताज़ा विवाद आज़म ख़ान को लेकर शुरू हुआ। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने जेल में बंद आज़म ख़ान से मिलने की बात कही तो अखिलेश यादव भड़क गए। उन्होंने तो यहाँ तक आरोप लगा दिया कि आज़म ख़ान को फँसाने में कांग्रेस नेताओं का भी हाथ है। अब ख़बर आई कि आज़म ख़ान ने अजय राय से मिलने से इनकार कर दिया है।
तनातनी के कुछ दिन बाद ही कांग्रेस के साथ सपा का तनाव खत्म होने का संकेत अखिलेश यादव ने दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेता से संदेश मिला है, और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।
सपा अध्यक्ष ने तब यह भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर सपा हमेशा कांग्रेस के साथ खड़ी रहेगी। लेकिन इसके बाद आज़म ख़ान वाले मसले पर फिर से बयानबाजी तेज हो गई।
समझा जाता है कि यूपी में आज़म ख़ान का मुस्लिम समुदाय में दबदबा है। समाजवादी पार्टी में वह बेहद ताक़तवर माने जाते रहे। समाजवादी पार्टी का वोटबैंक भी मुस्लिम-यादव यानी 'माई' समीकरण को माना जाता रहा है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में मुस्लिम सपा से छिटके हैं। कहा जाता है कि मायावती का जनाधार उस तरह का रहा नहीं और बीजेपी का तो मुस्लिम समुदाय में वोटबैंक है ही नहीं। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बार कुछ ज़्यादा ही उम्मीद लगा रही है। यही वजह है कि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने जब कहा कि वह आज़म ख़ान से जेल में मिलना चाहते हैं तो अखिलेश यादव का कड़ा रुख सामने आया।
इसी बीच अब मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर हमला किया। लेकिन रैली से इतर पत्रकारों ने जब 2024 के गठबंधन पर सवाल पूछा तो अखिलेश ने कहा, 'ये अभी विवाद मत करिए। क्योंकि कई लोगों का कहना यह था कि...हो सकता है कि हमारी ग़लती हुई हो कि हमने ये मान लिया हो कि प्रदेश में भी गठबंधन करेंगे। लेकिन ये प्रदेश में गठबंधन नहीं करना चाहते हैं। जब 2024 की बात आएगी तो एक अलग तरीके से सोचा जाएगा। समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ रही है और हमें उम्मीद है कि जनता हमारा समर्थन करेगी...हम इस बार बेहतर करेंगे।'
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