तमाम उथल-पुथल के बाद एनसीपी के भीतर चल रही लड़ाई अब नए दौर में पहुंच गई है। इस लड़ाई के ताजा घटनाक्रम में एनसीपी ने अजित पवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए घोषित की स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया है। इससे पार्टी के भीतर उनके घटते कद के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह सब सीनियर पवार के इशारे पर किया जा रहा है, और अजित पवार को उनकी बगावत महंगी पड़ रही है।