मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी सत्ता के लिए राजनीति नहीं कर रहे हैं बल्कि वह आम आदमी के लिए राजनीति कर रहे हैं।
पिछले महीने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा था कि राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का नेतृत्व करेंगे। बता दें कि अब जब लोकसभा चुनाव में सवा साल का वक्त बचा है ऐसे में विपक्ष का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी बात को और साफ करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी न सिर्फ विपक्ष के चेहरे होंगे बल्कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी होंगे। खड़गे और कमलनाथ के बयानों से यह साफ समझा जा सकता है कि कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के चेहरे को लेकर अपना दावा पुरजोर ढंग से सामने रखा है।
भारत जोड़ो यात्रा
कमलनाथ ने कहा कि इतिहास में कभी भी किसी ने इतनी लंबी पदयात्रा नहीं की है। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा का सफर तय करते हुए बीते दिनों दिल्ली पहुंची थी। इन दिनों यात्रा रुकी हुई है। भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। यात्रा 3000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। भारत जोड़ो यात्रा में 24 दिसंबर के बाद 9 दिनों का ब्रेक है और अब यह 3 जनवरी 2023 को फिर से शुरू होगी।
आने वाले दिनों में इस यात्रा को उत्तर प्रदेश से होते हुए हरियाणा और पंजाब के बाद कश्मीर तक जाना है।
मध्य प्रदेश में साल 2023 के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इसे लेकर कमलनाथ और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी तैयारियों में जुटे हुए हैं। पिछले महीने जब भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में पहुंची थी तो प्रदेश कांग्रेस ने इसका जोरदार स्वागत किया था।
कांग्रेस मुक्त भारत संभव नहीं
कुछ दिन पहले ही एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा था कि कांग्रेस मुक्त भारत संभव नहीं है और देश के लिए कांग्रेस की विचारधारा और उसकी योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तमाम सहयोगी और विपक्षी दलों को भी साथ लाने की कोशिश की है। भारत जोड़ो यात्रा जब महाराष्ट्र में थी तो एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे यात्रा में राहुल गांधी के साथ चले थे जबकि यात्रा के हरियाणा पहुंचने पर डीएमके की सांसद कनिमोझी भी यात्रा में राहुल गांधी के साथ नज़र आई थीं।
कमलनाथ का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि साल 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है। उससे पहले 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। एनडीए को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों के एक बड़े फ्रंट की जरूरत की बात बार-बार कही जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ आने के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ा है। नीतीश कुमार कह चुके हैं कि कोई थर्ड फ्रंट नहीं बनेगा बल्कि एक मेन फ्रंट बनेगा और तभी बीजेपी व एनडीए को हराया जा सकता है।
नीतीश ने कहा था कि अगर अधिकतर विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएंगी तो 2024 में हमें भारी बहुमत से जीत मिलेगी।
पिछले 8 सालों में कांग्रेस का प्रदर्शन भले ही कई राज्यों और लगातार दो लोकसभा चुनावों में ख़राब रहा हो लेकिन विपक्षी दलों में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जिसका सभी राज्यों में मज़बूत संगठन है और तीन राज्यों में अपने दम पर सरकार भी। इसलिए कांग्रेस को 2023 के चुनावी राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों का मजबूत फ्रंट भी बनाना होगा तभी वह एनडीए को चुनौती दे पाएगी।
कांग्रेस नेताओं के राहुल गांधी के 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने के दावे के बाद सवाल यह भी है कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित अन्य विपक्षी दल क्या इसके लिए तैयार होंगे।
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