आख़िरकार भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने आंदोलन ख़त्म कर दिया। महिला पहलवान साक्षी मालिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का कहना है कि अब अपनी लड़ाई सड़क पर नहीं, अदालत में लड़ी जाएगी और ये तब तक जारी रहेगी, जब तक न्याय नहीं मिल जाता। इसका सीधा मतलब है कि महिला और पुरुष पहलवान सियासत के दांव-पेंच के सामने चित हो गए, क्योंकि वे सड़क से अपनी लड़ाई नहीं जीत सके। अदालत के दरवाजे तो लड़ाई के लिए पहले से खुले थे। आप इसे एक आंदोलन की भ्रूण हत्या मान सकते हैं।