क़रीब चार साल पहले यूपीएससी के परिणाम आए और मैंने देखा कि एक नाम फिर सामने आया वो था ज़कात फ़ाउंडेशन का। मैं हैरान था और हतप्रभ भी। मेरे मन में कई सवाल थे, पहला, ये कौन सी संस्था है, दूसरा, ये ऐसा क्या कर रही है जो इतने अल्पसंख्यक बच्चे इनके यहाँ से पढ़कर सिविल सेवा में पास हो रहे हैं, और आख़िरी- अल्पसंख्यकों में इतनी फ़िक्र किसे पड़ी है। सारे सवाल समेट कर एक दिन मैं ज़फ़र साहब से मिलने गया। सीआईएसआरएस, जंगपुरा में भी उनका ऑफ़िस है, जहाँ बच्चों की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों के लिए चयन की प्रक्रिया होती है।