मुसलमानों के बढ़ते उत्पीड़न को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छीछालेदर का सिलसिला जारी है। कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ पहले ही भारत में धार्मिक उत्पीड़न पर चिंता ज़ाहिर कर चुकी हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी के जिगरी यार डोनल्ड ट्रम्प के देश से भी कड़ी टिप्पणी आ गई है। अमेरिकी संस्था यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ़्रीडम ने अपनी रिपोर्ट में भारत में मुसलमानों के उत्पीड़न पर चिंता ज़ाहिर की है।
अमेरिकी संस्था ने भारत को ईरान, पाकिस्तान जैसे देशों की श्रेणी में क्यों रख दिया?
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- 30 Apr, 2020

अब प्रधानमंत्री मोदी के जिगरी यार डोनल्ड ट्रम्प के देश से भी कड़ी टिप्पणी आ गई है। अमेरिकी संस्था यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ़्रीडम ने अपनी रिपोर्ट में भारत में मुसलमानों के उत्पीड़न पर चिंता ज़ाहिर की है।
संस्था ने भारत को अब दूसरी से हटाकर पहली श्रेणी में रखने की सिफ़ारिश की है, जिसमें ऐसे देश रखे जाते हैं जो ख़ास चिंता पैदा करते हैं। इस श्रेणी को कंट्रीज विद पर्टीकुलर कंसर्न यानी सीपीसी कहा जाता है। सन् 2002 के दंगों के बाद भी उसने भारत को इस वर्ग में रखा था लेकिन सन् 2004 के बाद पहली बार इस वर्ग में ईरान, पाकिस्तान और चीन जैसे 14 देश शामिल हैं। भारत पहले दूसरी श्रेणी में था, जिसका मतलब था कि वह निगरानी में है।