किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहे जाने वाले अमेरिका में एक दिन वे इस तरह के नज़ारे देखेंगे। अमेरिका के इन दृश्यों ने पूरी दुनिया को हतप्रभ कर दिया है। ठीक उसी तरह जैसे 9/11 को ट्रेड टॉवर पर हुए हमले के दृश्यों ने किया था। उस समय अमेरिका जैसी महाशक्ति की सुरक्षा की पोल खुल गई थी और आज की घटना ने अमेरिकी लोकतंत्र को बेनकाब कर दिया है।
अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में लोकतंत्र ख़तरे में है!
- विचार
- |
- |
- 8 Jan, 2021

कोई पूछे कि क्या पिछले चार साल अमेरिका में लोकतंत्र था और अगर था तो वह कैसा लोकतंत्र था? वहाँ की तमाम लोकतांत्रिक संस्थाएं ट्रंप को रोकने में नाकाम रहीं। मीडिया अगर अपनी भूमिका निभा भी रहा था तो उससे ट्रंप की राजनीति पर क्या असर पड़ा, वह तो और भी मज़बूत होती गई। लेकिन चिंता अब इस बात की नहीं है कि अमेरिका में गुज़रे चार साल में क्या हुआ। अब सोचा ये जाना चाहिए कि क्या अमेरिका उन चार सालों को धो-पोछकर आगे बढ़ पाएगा?
कुछ लोग इसे अपवाद बताकर इसके महत्व को कम करके आँक रहे हैं। उनके हिसाब से ये घटना एक व्यक्ति यानी ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से घटित हुई है। उनके मुताबिक़, चूँकि ट्रंप अयोग्य, अक्षम और मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्ति हैं, इसलिए ऐसा हुआ, वर्ना इसके होने की गुंज़ाइश अमेरिकी व्यवस्था में कतई नहीं है। लेकिन ये बात सही नहीं है।