अमेरिका के मग़रूर राष्ट्रपति डोनाल्ड जॉन ट्रंप की गिद्ध नज़रें ग़ज़ा पट्टी पर लगी हुई हैं। उन्होंने धमकी भरे स्वरों में क़रीब 20 लाख मूल निवासियों से कहा है कि वे अपनी मातृभूमि की तरफ़ देखें भी नहीं। वे मिश्र, जॉर्डन जैसे निकटवर्ती देशों में शरणार्थी के रूप में जा बसें। ट्रंप में बैठा बिल्डर ग़ज़ा पट्टी को समुद्र तटीय विलासिता में विकसित करने के लिए कुलचे मार रहा है। 2016 में पहली दफ़ा राष्ट्रपति बनने से पहले न्यूयॉर्क में ट्रंप की छवि ‘सफल क़ारोबारी बिल्डर’ के रूप में रही है। शिकागो समेत सभी बड़े शहरों में ‘ट्रंप टावर’ हैं।
ट्रंप की पोशाक में नव मध्ययुगीन साम्राज्यवाद की वापसी?
- विचार
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- 23 Feb, 2025

क्या डोनाल्ड ट्रंप की विचारधारा और उनकी राजनीतिक शैली नव मध्ययुगीन साम्राज्यवाद की ओर इशारा कर रही है? जानिए उनकी छवि और नीतियाँ दुनिया को कैसे प्रभावित कर रही हैं।
अब भारत में भी बनने जा रहे हैं। सवाल सिर्फ ग़ज़ा भर का नहीं है। सवाल यह भी है कि ट्रंप ने कनाडा जैसे विशाल देश को अमेरिका में 51वें राज्य के रूप में शामिल हो जाने की आदेशात्मक स्वरों में बात कही है। इसी तरह ट्रंप की नज़रें ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर भी ज़मी हुई हैं। ताक़त के बल पर सभी को हथियाने की धमकियाँ दी जा रही हैं। ट्रंप की धमकियों से विश्व को आतंकित करने में उनके एकछत्र शक्तिशाली कॉर्पोरेट मित्र एलन मस्क ज़बर्दस्त भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही ट्रंप मंडली की रणनीति यह भी है कि भारत समेत पिछड़े और विकासशील देशों में हमेशा अशांति व अस्थिरता का राज रहे जिससे कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की धीरे-धीरे मौत हो जाए। भारत में ’वोटर टर्न आउट’ को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप के बार-बार बदलते बयानों से भी यही ज़ाहिर होता है। 182 करोड़ के सम्बन्ध में ट्रंप के ताज़ा विस्फोटक उवाच ने प्रधानमंत्री मोदी को ही शक़ व विवादों के कटघरे में धकेल दिया है। इससे लोकतांत्रिक शासन की पारदर्शिता ही प्रभावित होगी।