इन्सान का दिल एक ऐसी शै (चीज) है, जो भावनाओं की ख़ुराक पर पलता है। भीतर जैसी भावना को जगह दी जाए, धीरे-धीरे दिल उसी तरफ झुकने लगता है और इस झुकाव की झलक व्यक्ति के प्रत्यक्ष सामाजिक आचरण में भी मिलती रहती है। दिल के भीतर जैसे स्वाभाविक तौर पर प्रेम का झरना फूटता है, वैसे ही नफ़रत का नाला भी बह सकता है। यह उस इन्सान पर निर्भर करता है कि वह किसे प्राथमिकता देता है।

तब्लीग़ी जमात के प्रकरण के बाद जिस तरह मीडिया के एक वर्ग ने मुसलमानों को निशाने पर लिया, इस पर मुसलिम देशों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या के आपत्तिजनक ट्वीट की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार की फ़ज़ीहत तो हुई ही, अरब देशों में रह रहे भारतीयों के लिए भी संकट खड़ा हो गया है।