अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान ने अंतरिम सरकार की घोषणा कर दी है। इसके 33 मंत्रियों की सूची को ध्यान से देखने पर लगता है कि इसमें ज़्यादातर मंत्री पख्तिया और कंधार के हैं। इन दो प्रांतों में गिलजई पठानों का वर्चस्व रहा है। अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान में 14 तरह के लोगों को गिनाया गया है लेकिन इस मंत्रिमंडल में पठानों के कई प्रमुख कबीलों को भी जगह नहीं मिली है। अन्य लोगों— बलूच, उज़बेक, हजारा, तुर्कमान, ताजिक, अरब, गुर्जर, पामीरी, नूरिस्तानी, बराहवी, किजिलबाश, ऐमक, पशाए, हिंदू और सिखों आदि को कहीं कोई स्थान नहीं मिला है। सिर्फ़ दो ताजिक और एक उज़बेक को इस सरकार में जगह मिली है।
तालिबान पर अमेरिका का पिछलग्गू बना रहा भारत!
- विचार
- |
- |
- 10 Sep, 2021

दुर्भाग्य है कि तालिबान से सीधा संवाद टालकर भारत सरकार ने एक सुनहरा मौक़ा खो दिया। वह अमेरिका का पिछलग्गू बना रहा। अब भी हमारे विदेश मंत्री वगैरह अमेरिका और रूस के सुरक्षा अफ़सरों से मार्गदर्शन ले रहे हैं। उन्हें समझ नहीं पड़ रहा है कि वे क्या करें।
33 में से ये तीन ग़ैर-पठान लोग वे हैं, जो तालिबान के गहरे विश्वासपात्र रहे हैं और जिन्हें इनकी अपनी जातियाँ न तो अपना प्रतिनिधि मानती हैं और न ही अपना हितैषी।