तालिबान के साथ अमेरिका ने दोहा में जैसे ही समझौता किया, मैंने लिखा था कि काणी के ब्याह में सौ-सौ जोखिमें। लेकिन हमारी भारत सरकार ने उसका भरपूर स्वागत किया था। हमारे विदेश सचिव समझौते के एक दिन पहले काबुल पहुंच गए थे। वह वहां राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी और मुख्य कार्यकारी (प्रधानमंत्री) डाॅ. अब्दुल्ला से भी मिले लेकिन वहां जाकर उन्होंने किया क्या?