जैसी की आशंका थी, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है लेकिन दुनिया के शक्तिशाली देश हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। वे अपने-अपने देश और संयुक्त राष्ट्र संघ में बैठकर जमकर जबानी जमा-खर्च कर रहे हैं। मैं पिछले कई हफ्तों से लिख रहा हूँ कि सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालते ही भारत को अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति-सेना भिजवाने का प्रयत्न करना चाहिए।