सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध। ख़बर बिल्कुल नयी नहीं है। न ही बीजेपी की ओर से कांग्रेस के ‘सत्याग्रह’ को ‘दुराग्रह’ बताया जाना नया है। यह सवाल भी नया नहीं है कि महंगाई जैसे मुद्दों पर कांग्रेस कार्यकर्ता उस तरीक़े से बाहर क्यों नहीं निकलते जिस तरीक़े से अपने नेता के लिए बाहर निकले हैं? इन सबके बीच सोशल मीडिया के ज़रिए इस सवाल को मज़बूती से उछाला जा रहा है कि अगर ग़लत नहीं हैं सोनिया या राहुल गांधी तो जांच से दिक्कत क्यों?
राहुल-सोनिया से पूछताछ : सवालों में क्यों है ईडी?
- विचार
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- 26 Jul, 2022

सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के मयाने क्या हैं? सोनिया के अलावा राहुल गांधी, तृणमूल, शिवसेना जैसे विपक्षी दलों के नेताओं से पूछताछ क्या बदले की कार्रवाई है?
क्या वाक़ई सोनिया गांधी, राहुल गांधी या कांग्रेस को प्रवर्तन निदेशालय की जांच से दिक्कत है? इसमें संदेह नहीं है कि ईडी की कार्रवाई को कांग्रेस बदले की कार्रवाई के तौर पर देख रही है। फिर भी ईडी के समन का सम्मान कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं ने किया है और जांच में सहयोग किया है। नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री 2014 में होती है मोदी सरकार के आने के बाद। किसी अदालती आदेश के तहत ईडी जांच नहीं कर रही है। बल्कि, स्वत: संज्ञान लेते हुए ईडी ने इस मामले को हाथ में लिया है। ईडी के पास ऐसा करने का अधिकार है।