जम्मू कश्मीर पर सरकार की नीति बदल रही है क्या? क्या मोदी सरकार ‘देशद्रोही’ हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के नेताओं से बात करेगी? क्या सरकार ने हुर्रियत के नेताओं को देशद्रोही मानना बंद कर दिया या वह उन्हें देशभक्त मानने लगी है? क्या सरकार का ह्रदय परिवर्तन हो गया है? ये कुछ सवाल हैं जिनके जवाब खोजना शायद अब ज़रूरी हो गया है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की बोली इधर बदली है। वह शांति और बातचीत की बात करने लगे हैं। हुर्रियत ने भी कहा है कि बातचीत से ही सकारात्मक नतीजे निकल सकते हैं। तो क्या मामला वाक़ई गंभीर है?