विक्टर ह्यूगो का एक मशहूर कथन है कि दुनिया की कोई ताक़त उस विचार को नहीं रोक सकती, जिसका समय आ गया है। व्यक्ति जब विचार बन जाए तो फिर उसे भी समय आने पर नहीं रोका जा सकता। राहुल गांधी आज एक व्यक्ति से बढ़कर विचार बन चुके हैं। एक ऐसा विचार; जो देश में मोहब्बत की दुकान खोलना चाहता है। हिंसा मिटाना चाहता है। नफरत की दीवारें गिराकर लोगों को जोड़ना चाहता है। सम्मान और सौहार्द के साथ देश के लोगों को भारत के विकास की मुख्यधारा में शामिल करना चाहता है। राहुल गांधी आज समाजवादी मूल्यों और सामाजिक न्याय की राजनीति के नायक बन चुके हैं। वह राहुल गांधी जो चांदी नहीं बल्कि सोने की चम्मच लेकर के पैदा हुए हैं। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी; तीन प्रधानमंत्री वाले परिवार में जन्मे राहुल गांधी सत्तापरक राजनीति से हमेशा दूर रहे। 2004 से लेकर 2014 के बीच रही यूपीए सरकार में राहुल गांधी मंत्री बन सकते थे और प्रधानमंत्री भी हो सकते थे। लेकिन उन्होंने एक सांसद और पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपना सफर जारी रखा।