राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने जनता में जो हलचल पैदा की है, उसे अगर कांग्रेस अपने अगले कार्यक्रमों के जरिए सरकार के विरोध की राजनीति का स्वर बनाने में कामयाब हुई तो 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ही विपक्षी एकता और विपक्षी राजनीति की धुरी बनेगी। साथ ही अगर इस यात्रा में राहुल गांधी अपने छोटे भाई (चाचा संजय गांधी के बेटे) वरुण गांधी को भी किसी मोड़ पर साथ जोड़ सके तो नेहरू इंदिरा का परिवार और विरासत भी एकजुट हो सकेगी।
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की असली परीक्षा अभी बाकी है!
- विचार
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- विनोद अग्निहोत्री
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- 7 Jan, 2023


विनोद अग्निहोत्री
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बार बार कहा है कि उनका उद्देश्य राजनीतिक और चुनावी नहीं है। कांग्रेस भी यही दोहरा रही है। लेकिन एक राजनीतिक दल का हर कदम राजनीतिक उद्देश्य से ही होता है। राहुल इस यात्रा के जरिए भारत जोड़ो का एक नया एजेंडा लेकर जनता के बीच गए हैं जो एक तरह से भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे का जवाब है।
चर्चाओं के मुताबिक वरुण को इस यात्रा से जोड़ने और राहुल का रुख उनके प्रति नरम करने की कोशिशें पर्दे के पीछे पार्टी और परिवार के कुछ शुभचिंतक कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वरुण लगभग तैयार हैं लेकिन उन्हें अपने बड़े भाई राहुल गांधी के सकारात्मक संकेत का इंतजार है।
वरुण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल कह चुके हैं कि यात्रा में जो भी आना चाहे उसका स्वागत है,जहां तक वरुण का सवाल है वह भाजपा में हैं और उन्हें यात्रा में आने से वहां समस्या हो सकती है। वरुण गांधी के सवाल पर कांग्रेस के एक बेहद वरिष्ठ नेता का कहना है कि देर सिर्फ दोनों भाईयों के बीच इस मुद्दे पर संवाद की है, जिस दिन यह हो गया उसी दिन सारी बर्फ पिघल जाएगी। देखना यह है कि पहल कौन करता है।

विनोद अग्निहोत्री
विनोद अग्निहोत्री वरिष्ठ पत्रकार हैं।