बीते हफ़्ते बीजेपी की दो दिन चली कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री के भाषण का ब्योरा देने जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मीडिया के सामने आए तो उन्होंने बाक़ी बातों के अलावा यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने समाज के सभी अंगों को साथ लेकर चलने की बात कही है। पता नहीं, वे यह बताना भूल गए या जान-बूझ कर इस बात को गोल कर गए कि प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के नेताओं के ऊल-जुलूल बयानों पर भी नाराज़गी जताई है और उन्हें सीमा में रहने की सलाह दी है। अगले दिन समाचार एजेंसियों से पता चला कि प्रधानमंत्री ने अपने नेताओं से यह भी कहा है कि वे समाज के कमज़ोर तबकों से जु़ड़ें- अल्पसंख्यकों और मुसलमानों से भी- बिना इस अपेक्षा के कि उनको वोट मिलेंगे।