उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से चालीस फ़ीसदी सीटों पर महिलाओं को टिकट देने की प्रियंका गांधी की घोषणा ने न सिर्फ़ विधानसभा चुनावों बल्कि 2024 तक होने वाले सभी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस का सियासी एजेंडा तय कर दिया है। प्रियंका की इस घोषणा से तीन बातें साफ़ हैं।
प्रियंका के महिला कार्ड से ध्वस्त होगा बीजेपी के हिंदुत्व का एजेंडा?
- विचार
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- 20 Oct, 2021

कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि प्रियंका के चेहरे के साथ कांग्रेस जब विधानसभा चुनावों में चालीस फ़ीसदी महिला उम्मीदवारों के साथ मैदान में उतरेगी, तो निश्चित रूप से जाति, धर्म और वर्ग की सीमाओं से उठकर महिलाओं का समर्थन उसे मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस की सीटें भी बढ़ेंगी और मत प्रतिशत भी...
पहली ये कि जब विधानसभा चुनाव में महिला सशक्तिकरण कांग्रेस का मुख्य मुद्दा होगा तो पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा भी कोई महिला ही हो सकती है, क्योंकि बसपा प्रमुख मायावती खुद को महिला मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश करेंगी और ऐसा होने पर कांग्रेस के सामने किसी महिला को आगे करने की सियासी मजबूरी होगी। क्योंकि प्रियंका गांधी से बड़ा कोई दूसरा नाम कांग्रेस में नहीं है, इसलिए इसकी संभावना भी है कि अगर यह मुद्दा महिलाओं में आकर्षण पैदा करने में कामयाब हुआ तो देर-सवेर प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की घोषणा पार्टी कर सकती है या फिर उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाकर यह संदेश दे सकती है।