अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लंबे भाषण में कुछ ऐसे मुद्दों को कुरेदा है, जिसका प्रत्यक्षतः तो अविश्वास प्रस्ताव के विषय से सीधा संबंध नहीं था, लेकिन देश की वर्तमान राजनीति और अंततः उसके इतिहास और भविष्य से गहरा संबंध है।