भारत-चीन के बीच 11वें दौर की बातचीत कोर कमांडर स्तर पर 10 अप्रैल को खत्म हुई। द्विपक्षीय बातचीत को कभी बेनतीजा कहना सही नहीं होता क्योंकि बातचीत का जारी रहना भी फलदायी होता है। मगर, फरवरी महीने में दोनों देशों की सेनाओं को पीछे हटाने की जो ‘उपलब्धि’ हासिल की गयी थी उससे आगे ऐसी कोई बात नहीं हुई है जिसे उपलब्धि कहा जा सके।