लगभग तीन महीने से जल रहे मणिपुर की खैर-खबर लेने नवगठित ‘इंडिया’ के सांसदों के दल का मणिपुर के लिए कूच करना एक सुखद ख़बर है। कम से कम लोग अब ये तो नहीं कहेंगे कि मणिपुर इंडिया का अंग है या नहीं। मणिपुर को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। लेकिन तीन महीने गुजर जाने के बाद भी हमारी सरकार वहां हिंसा का नंगा नाच रोकने में कामयाब नहीं हो पायी है। केंद्र सरकार पर देशी और विदेशी दबाब भी बेअसर रहा। दुनिया की कोई भी ताकत भारत के प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने के लिए विवश नहीं कर सकी। हमारी सरकार बदस्तूर चुनाव प्रचार में उलझी हुई है।