अब तक होता यह आया था कि जहां नरेंद्र मोदी खड़े हो जाते थे लाइन वहीं से शुरू हो जाती थी, जिधर को नरेंद्र मोदी का रुख होता था हवाएं भी उसी ओर रुख कर लिया करती थीं...लेकिन अब फिजां में कुछ बदलाव नज़र आ रहा है। अब मोदीजी बदलती हवा के रुख के साथ अपना रुख बदलने लगे हैं। यकीन नहीं होता ना! लेकिन, यकीन करना पड़ेगा।