एबीपी को 29 मई 2024 को दिए अपने एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘‘क्या पिछले 75 सालों में हमारी यह जिम्मेदारी नहीं थी कि हम सारी दुनिया को महात्मा गांधी से परिचित करवाते? माफ कीजिये, मगर गांधीजी को कोई नहीं जानता था जब तक कि 1982 में उन पर बनी फिल्म रिलीज नहीं हुई थी।" वे जब यह कह रहे थे तब उनका साक्षात्कार ले रहे एबीपी के प्रतिनिधियों के चेहरे भावशून्य थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस सफेद झूठ पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। इस अत्यंत लंबे चुनाव अभियान के अंतिम दौर में यह वक्तव्य दिए जाने के पीछे के उद्देश्य का अनुमान लगाना कठिन नहीं है।
क्या दुनिया ने गाँधी को एटनबरो की फिल्म से जाना?
- विचार
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- 7 Jun, 2024

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के बारे में पहले कुछ नहीं पता था और उनको यह सब पता तब चला जब उनपर फिल्म बनी? पीएम मोदी ने आख़िर किस आधार पर कहा था कि फिल्म बनने से पहले दुनिया गांधी को नहीं जानती थी?
बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की दुर्दशा, पेपर लीक, अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों को लेकर उनके दस साल के शासनकाल की आलोचना बढ़ती जा रही थी। इन महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान कैसे हटाया जाए, यह उनकी चिंता का मुख्य विषय था। महात्मा गांधी को लेकर इस तरह की बात कहने का उद्देश्य लोगों का ध्यान इन महत्वपूर्ण मुद्दों से हटाने के साथ-साथ यह भी था कि नेहरू और पहले की कांग्रेस सरकारों को दुनिया को गांधीजी के बारे में न बताने के लिए कटघरे में खड़ा किया जा सके।