एबीपी को 29 मई 2024 को दिए अपने एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘‘क्या पिछले 75 सालों में हमारी यह जिम्मेदारी नहीं थी कि हम सारी दुनिया को महात्मा गांधी से परिचित करवाते? माफ कीजिये, मगर गांधीजी को कोई नहीं जानता था जब तक कि 1982 में उन पर बनी फिल्म रिलीज नहीं हुई थी।" वे जब यह कह रहे थे तब उनका साक्षात्कार ले रहे एबीपी के प्रतिनिधियों के चेहरे भावशून्य थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस सफेद झूठ पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। इस अत्यंत लंबे चुनाव अभियान के अंतिम दौर में यह वक्तव्य दिए जाने के पीछे के उद्देश्य का अनुमान लगाना कठिन नहीं है।